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सरकार को सुध नहीं, मुंबईकरों पर गिरी गाज …बेस्ट की २८० बसें होंगी ऑफ रोड!

बस के वेटिंग टाइम में २०-२५ मिनटों की वृद्धि, बढ़ेगी भीड़
सामना संवाददाता / मुंबई
बेस्ट यात्रियों को आने वाले दिनों में भारी असुविधा का सामना करना पड़ेगा, क्योंकि बेस्ट की २८० मिनी बसें सड़कों से नदारद हो जाएंगी। इससे कई स्टॉपों पर बसों का इंतजार करने का समय ३० से ४५ मिनट तक बढ़ने की संभावना है। लगातार सातवें दिन इन बसों की सेवाएं बंद रहने से यात्रियों में आक्रोश व्याप्त है। ठेकेदार ने ९० करोड़ रुपए के घाटे का हवाला देते हुए बसें हटाने का पैâसला किया है। इस निर्णय से बेस्ट की सेवाओं पर गंभीर प्रभाव पड़ा है, जिससे ३५ लाख से अधिक यात्रियों की यात्रा प्रभावित हो रही है।
बेस्ट की मीटिंग में ठेकेदार ने बस चलाने से किया इनकार
बेस्ट अधिकारियों और ठेकेदार के बीच लगातार बैठकें हो रही हैं, लेकिन कोई समाधान नहीं निकल पाया है। ठेकेदार के इस कदम से ९ प्रतिशत बस बेड़े में कमी आई है। इससे कुछ रूटों पर बड़ी सिंगल-डेकर बसों को मिनी बसों के स्थान पर चलाया जा रहा है, लेकिन यह व्यवस्था पर्याप्त नहीं है। बता दें कि बेस्ट द्वारा कई बार ठेकेदार के साथ बस चलाने के लिए मीटिंग किया गया। हर बार ठेकेदार द्वारा इनकार किया गया। इस बीच में कुछ समय के लिए ठेकेदार ने बस चलाने की सहमति व्यक्त की थी, लेकिन कल की मीटिंग में ठेकेदार ने सेवा देने से साफ मना कर दिया। बेस्ट के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कल की बैठक में भी ठेकेदार ने लीज के अनुबंध को आगे जारी रखने में असमर्थता जताई। इस वजह से बेस्ट प्रबंधन जल्द ही अनुबंध समाप्ति की कानूनी कार्रवाई शुरू करेगा।
बेस्ट बेड़े की स्थिति चिंताजनक
२०१० में बेस्ट के पास ४,३८५ बसें थीं, जो अब घटकर ३,१५८ रह गई हैं। इनमें से केवल १,०७२ बसें बेस्ट के स्वामित्व में हैं, जबकि बाकी ठेकेदारों से किराए पर ली गई हैं। इस गिरावट से बेस्ट की सेवा की गुणवत्ता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है, जिससे यात्री असुविधा और विलंब का शिकार हो रहे हैं।

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