-ऑपरेटरों को दो सालों से नहीं किया गया है भुगतान
-मार्च २०२४ से ही रुकी हैं सेवाएं
सामना संवाददाता / मुंबई
मुंबई और महाराष्ट्र की तटीय सुरक्षा अब भी कई खामियों से जूझ रही है। २६/११ हमले के बाद सुरक्षा को मजबूत करने के लिए तैनात की गई स्पीडबोट्स में से १४ कई महीनों से बंद पड़ी हैं। सूत्रों के अनुसार, सुरक्षा के लिए तैनात की गर्इं २३ स्पीडबोट्स में से १४ स्पीडबोट्स मरम्मत के अभाव में काम नहीं कर रही हैं। इन बोट्स का संचालन करने वाले ऑपरेटरों को दो साल से अधिक समय से पैसों का भुगतान नहीं होने के कारण मार्च २०२४ से सेवाएं रोक दी हैं। अधिकारियों का कहना है कि ७ करोड़ से ९ करोड़ रुपए का भुगतान बकाया है। इस तरह की बड़ी लापरवाही को देखते हुए मुंबई में फिर से २६ /११ की घटना होने की आशंका जताई जा रही है।
बकाया भुगतान के चलते मरम्मत में देरी
मुंबई पुलिस ने इन बोट्स के रखरखाव और मरम्मत के लिए जरूरी फंड मंजूर कर दिया है, लेकिन आगे की प्रक्रिया पुणे के मोटर ट्रांसपोर्ट आईजी कार्यालय में अटकी हुई है। इन बोट्स को मझगांव के लकड़ीबंदर में तिरपाल से ढंककर रखा गया है। महाराष्ट्र के ७२० किलोमीटर लंबे समुद्री तट में ११४ किलोमीटर का क्षेत्र मुंबई पुलिस के अधिकार क्षेत्र में आता है। डीसीपी (मोटर ट्रांसपोर्ट-२) इस क्षेत्र में तटीय पेट्रोलिंग की जिम्मेदारी संभालते हैं। २६/११ हमले के बाद मुंबई पुलिस ने ४६ बोट्स खरीदी थीं, जिनमें १९ अम्फीबियस बोट्स,४ मरीन बोट्स, २३ स्पीडबोट्स शामिल थीं। लेकिन खराब रखरखाव के कारण १९ अम्फीबियस और ४ मरीन बोट्स पहले ही बंद हो चुकी हैं। अब २३ स्पीडबोट्स में से केवल ९ ही काम कर रही हैं।
पेट्रोलिंग पर भी असर
मुंबई पुलिस के अनुसार, ९ स्पीडबोट्स से बीएआरसी से लेकर गोराई बीच तक २४ घंटे पेट्रोलिंग हो रही है। लेकिन यह संख्या मुंबई के ११८ लैंडिंग पॉइंट्स की निगरानी के लिए अपर्याप्त है। कुछ पॉइंट्स पर सीसीटीवी वैâमरे लगाए गए हैं, लेकिन सुरक्षा में अभी भी खामियां बनी हुई हैं।
तटीय जिलों में भी स्थिति चिंताजनक
मुंबई के अलावा सिंधुदुर्ग से पालघर तक के तटीय जिलों में भी पेट्रोलिंग पर असर पड़ रहा है। केंद्र सरकार की ‘समग्र तटीय सुरक्षा’ योजना के तहत महाराष्ट्र को १२ नए तटीय पुलिस स्टेशन, ३२ चेक पोस्ट, २८ इंटरसेप्टर बोट्स और ५७ मोटरसाइकिलें मंजूर की गई हैं, लेकिन इन योजनाओं का क्रियान्वयन धीमी गति से चल रहा है।