सामना संवाददाता / मुंबई
राज्य को विकास की दिशा में ले जाने की आवश्यकता है, लेकिन यह सरकार केवल घोषणाएं कर रही है। सरकार का विकास होर्डिंग्स, विज्ञापनों और भाषणों में दिखाई देता है, लेकिन वास्तव में जनता तक विकास नहीं पहुंचा है। विकास के लिए कोई भी प्रावधान या योजना सरकार नहीं कर रही है। ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के लोगों की सरकार की ओर से उपेक्षा हो रही है। इस तरह का आरोप लगाते हुए विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष अंबादास दानवे ने कहा कि यह सरकार केवल घोषणाएं करने में मग्न है, जबकि विकास से दूर भाग रही है।
अंबादास दानवे ने कहा कि मुंबई, पुणे और संभाजी नगर मनपाओं में बड़े पैमाने पर टीडीआर घोटाले हुए हैं और महाराष्ट्र राज्य को बेचने का प्रयास किया जा रहा है। धारावी के विकास के दौरान पुनर्वास के नाम पर विभिन्न जगहों को अडानी के हवाले करने का काम सरकार कर रही है। इस तरह का गंभीर आरोप दानवे ने २६० के तहत प्रस्ताव पर बोलते हुए लगाया। उन्होंने कहा कि नगर विकास के तहत आनेवाले म्हाडा, सिडको जैसे विभाग और वहां के अधिकारी मनमानी कर रहे हैं।
उप मुख्यमंत्री शिंदे की भी नहीं सुन रहे अधिकारी
दानवे ने कहा कि सिडको गरीबों को घर देने की योजना लेकर आया, लेकिन वास्तव में घरों की कीमत अधिक होने के कारण आम आदमी घर खरीद नहीं सका। सिडको के प्रोजेक्ट ठेकेदारों को फायदा पहुंचाने के लिए बनाए गए हैं। नगर विकास मंत्री और राज्य के उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के आदेश के बावजूद खारघर में स्वप्नपूर्ती निवासी संकुल के मेंटेनेंस को रोकने का काम सिडको के अधिकारियों ने किया। सिडको के अधिकारी उप मुख्यमंत्री की भी नहीं सुनते।