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महायुति में नहीं थम रहा महासंग्राम …३० सीटों पर चल रही रस्साकशी

-घातियों ने पकड़ी जिद
-भाजपा के लिए अब नहीं छोड़ेंगे एक भी सीट
-लोकसभा में सर्वे वाली सीटों को था छोड़ा
सामना संवाददाता / मुंबई
महायुति में सीटों के बंटवारे पर महासंग्राम थमने का नाम नहीं ले रहा है। सूत्रों के मुताबिक, महायुति में अभी भी ३० सीटों पर घातियों और भाजपा में रस्साकशी जारी है। इस बीच घातियों ने जिद पकड़ ली है कि वे भाजपा के लिए अब एक भी सीट नहीं छोड़ेंगे। उनका कहना है कि लोकसभा चुनाव में भाजपा ने सर्वे किया था। उस सर्वे के नाम पर हमने सीटों को छोड़ दिया था, लेकिन अब विधानसभा चुनाव में हम उनका एक भी नहीं सुनेंगे। इस बीच खबर आ रही है कि इस मुद्दे पर दिल्ली में बैठक होनेवाली है, जिसमें इस मसले को सुलझाया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि विधानसभा चुनाव की सरगर्मी तेज हो गई है। इसके साथ ही सभी दलों में सीटों का बंटवारा भी जोर-शोर से चल रहा है। सीट बंटवारे के मुद्दे पर महासंग्राम महायुति में दिखाई दे रहा है। सबसे पहले भाजपा ने घाती और अजीत पवार गुट को विश्वास में लिए बिना ही पहली सूची घोषित कर दी। इसके बाद से ही संग्राम और बढ़ गया है। बताया गया है कि अब तक महायुति में १८२ सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा की जा चुकी है। इस बीच खबर आ रही है कि लोकसभा की तरह ही विधानसभा चुनाव में भी भाजपा अधिक सीटों पर चुनाव लड़ने की मांग कर रही है, जो घाती गुट को हजम नहीं हो रहा है। घाती गुट ने जिद पकड़ ली है कि अब वे किसी तरह से कोई समझौता नहीं करेंगे। सूत्रों के मुताबिक, इस मुद्दे पर दिल्ली में महायुति की बैठक होने जा रही है, लेकिन संभावना जताई जा रही है बैठक में किसी भी फॉर्मूले पर मुहर लगने की कम ही संभावना है।

भाजपा को ज्यादा सीटों की उम्मीद
सूत्रों के मुताबिक, विधानसभा चुनाव में भी भाजपा ज्यादा सीटों की उम्मीद कर रही है, वहीं दूसरी ओर घाती गुट मांग कर रहा है कि उसे ज्यादा सीटें मिलें। पिछली ३० सीटों को लेकर महायुति में अब भी रस्साकशी जारी है। इस बार भाजपा की एक भी सुनने के लिए घाती गुट कतई तैयार नहीं है।
नहीं सुलझा है सीटों का बंटवारा
सीटों के बंटवारे को लेकर विवाद सुलझ नहीं सका है, क्योंकि घाती और अजीत पवार गुट को उम्मीद से कम सीटें मिल रही हैं इसलिए सीट बंटवारे के मुद्दे को सुलझाने के लिए शिंदे, फडणवीस और अजीत पवार एक बार फिर भाजपा पार्टी के नेताओं से मुलाकात करनेवाले हैं।

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