खुले आसमान के नीचे रात गुजारने को मजबूर
कुदरत का कहर घोल दिया जीवन में जहर
मोतीलाल चौधरी / कुशीनगर
कुशीनगर जिले में मंगलवार को आग ने तबाही मचा दिया। सुबह से लेकर शाम तक अलग-अलग क्षेत्रों में हुई अगलगी से 135 परिवार बेघर हो गए। उनके आंखों के सामने ही रिहायशी झोपड़ी और उसमें रखा सारा सामान जलकर राख हो गया।
तेज पछुआ हवाओं के कारण फैली आग के बीच लोगों को कोई भी सामान घरों से निकालने का मौका नहीं मिला। सुबह तक चैन और सुकून में रहने वाले लोग दिन चढ़ने के बाद ही आग के कारण बेघर होकर खुले आसमान के नीचे आ गए। 42 डिग्री सेल्सियस तापमान और सूरज की तपिश के बीच अग्निपीड़ित खुद को संभाल भी नहीं पा रहे थे। आग की राख ठंडी हुई तो वहां पहुंचे अग्निपीड़ित राख में कीमती सामान ढूंढ़ते नजर आए। मंगलवार की सुबह इन गांवों के लोग काफी सुकून में थे। दिन चढ़ा तो तापमान भी चरम पर पहुंचने लगा। अज्ञात कारणों से लगी आग में तेज पछुआ हवाओं ने घी डालने का काम किया। एक के बाद एक रिहायशी झोपड़ियों को अपनी आगोश में लेने के बाद आग ने जलाकर राख में तब्दील कर दिया। बरवारतनपुर गांव सुखलाल, रामहरख, विनोद, विरेन्द्र व आनंदकर राव का कहना था कि आंखों के सामने ही उनकी झोपड़ियां और उसमें रखा सामान जलकर राख हो गया। आग ने तनिक भी मौका नहीं दिया कि वे अपनी झोपड़ियों से जरूरी सामान को भी बाहर निकाल सके। तेज धूप और तेज पछुआ हवा के थपेड़ों के बीच वह परिवार समेत खुले आसमान के तले रहने को मजबूर हो गए हैं। पटहेरवा गांव निवासी जगरनाथ, बुनेला व जयश्री का कहना था कि अभी वे लोग आग पर काबू पाने की तैयारी में ही थे कि थोड़ी देर में पछुआ हवा के कारण आग ने सब कुछ जलाकर राख कर दिया।
एडीएम प्रशासन वैभव मिश्रा ने बताया कि आग की घटनाएं आज ज्यादा हुई हैं। राजस्वकर्मी, एसडीएम और तहसीलदार मौके पर पहुंचे थे। अग्नि पीड़ितों के लिए रहने की व्यवस्था की गई है। अनाज भी उपलब्ध कराया गया है। प्रशासन की ओर से जो भी सहायता होगी, उसे अग्निपीड़ितों को मुहैया कराया जाएगा। इसके लिए राजस्वकर्मियों को निर्देश दिए गए हैं।