सामना संवाददाता / मुंबई
१८ दिसंबर को गेटवे ऑफ इंडिया के पास समुद्र में हुए बोट हादसे ने कई पर्यटकों की जान ले ली थी। लंबी जांच के बाद अब बोट हादसे की वजह का खुलासा हुआ है। जांच के दौरान पता चला है कि समुद्र में टेस्ट के दौरान नेवी की स्पीड बोट की हाइड्रोलिक स्टीयरिंग लॉक हो गई थी। स्टीयरिंग लॉक होने के कारण बोट दाएं या बाएं मुड़ नहीं पाई और सीधे यात्री फेरी बोट से जा टकराई। इस हादसे में १५ लोगों की मौत हो गई थी। इनमें नेवी के भी तीन कर्मी शामिल थे।
गेटवे दुर्घटना के वक्त बोट पर
स्पीड बोट कंपनी का प्रतिनिधि भी था मौजूद!
गत १८ दिसंबर को नौसेना की एक स्पीड बोट और यात्रियों से भरी नौका के बीच टक्कर हुई, जिसमें १५ लोगों की मौत हो गई थी। हादसे के समय नौसेना के जहाज पर बोट निर्माता कंपनी का एक शख्स भी मौजूद था। उसने बताया कि नाव की पहले जांच की गई थी, टक्कर होने पर चालक दल को खराबी के बारे में पता था। घटना के वीडियो में दिख रहा है कि स्पीड बोट को नौका से दूर ले जाने का प्रयास किया जा रहा है, लेकिन स्टीयरिंग लॉक होने के कारण दुर्घटना से बचने के लिए यह बोट तेजी से घूम नहीं सकी।
नौसेना सूत्रों का कहना है कि जांच में सामने आया है कि ये हादसा संभवत: स्टीयरिंग असेंबली और नाव की स्पीड को कंट्रोल करने वाले थ्रॉटल क्वाड्रेंट में तकनीकी खराबी के कारण हुई थी। इससे स्पीड बोट की स्टीयरिंग लॉक हो गई थी। नौसेना की स्पीड बोट एक रिजिड हल इन्फ्लेटेबल बोट (आरएचआईबी) है, जिसका इंजन परीक्षण किया गया था, लेकिन इसके बावजूद उससे चालक का नियंत्रण खो गया और वो पर्यटकों की नौका नील कमल से टकरा गई। उस वक्त १०० से अधिक यात्रियों को ले जा रही नौका, गेटवे ऑफ इंडिया से एलिफेंटा जा रही थी। टक्कर लगने के कारण यात्री नौका अरब सागर में डूब गई। इस दुर्घटना में अभी तक १५ लोगों की मौत हो चुकी है। घटना के बाद तटरक्षक जहाजों के साथ-साथ नौसेना के हेलिकॉप्टरों को सर्च और रेस्क्यू वर्क में तैनात किया गया था। दुर्घटना में ९८ लोगों को बचा लिया गया। स्पीड बोट पर छह लोग सवार थे, जिसमें केवल दो ही जीवित बचे।
पुलिस की कस्टडी में नहीं है स्पीड बोट
महाराष्ट्र मैरीटाइम बोर्ड (एमएमबी) के रिकॉर्ड के अनुसार, नील कमल को अधिकतम ८४ यात्रियों और छह चालक दल के सदस्यों को ले जाने का लाइसेंस दिया गया था। हालांकि, टक्कर के समय नौका क्षमता से अधिक भरी हुई थी। एमएमबी ने नौका का लाइसेंस रद्द कर दिया है और मामले की अपनी जांच शुरू कर दी है। स्पीड बोट के चालक के खिलाफ कोलाबा पुलिस स्टेशन में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है, जिसमें लापरवाही, सार्वजनिक सुरक्षा को खतरे में डालने और लापरवाही से नेविगेशन से संबंधित आरोप शामिल हैं। नौसेना की स्पीड बोट फिलहाल नौसेना की कस्टडी में है, हालांकि पुलिस ने संकेत दिया है कि वे अपनी जांच के लिए आवश्यकतानुसार स्पीड बोट की जांच का अनुरोध करेंगे।