सबसे पहले डंपिंग ग्राउंड की समस्या को करूंगा दूर
फिर स्वास्थ्य और इंफ्रास्ट्रक्टर पर होगा फोकस
ईशान्य मुंबई लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र पर कई सालों से शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पक्ष की मदद से भाजपा का कब्जा रहा है। पिछली बार भी मनोज कोटक शिवसेना की मदद से ही जीते थे। उन्होंने उस समय राकांपा की टिकट पर चुनाव लड़ रहे संजय दीना पाटील को दो लाख से अधिक वोटों से पटखनी दी थी। हालांकि, इस बार संजय दीना पाटील खुद शिवसेना की टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। ऐसे में इस समय ईशान्य मुंबई में जो समीकरण दिखाई दे रहा है, उससे उनकी जीत पक्की मानी जा रही है। इसके साथ ही क्षेत्र के भाजपा सांसद ने अपने कार्यकाल में जनता की अनदेखी की है। इससे लोगों में आक्रोश है। इसका लाभ भी संजय दीना पाटील को मिलेगा। दूसरी तरफ संजय दीना पाटील जिस समय सांसद थे, उस दौरान सदन में उन्होंने सैकड़ों मुद्दों को उठाकर मुंबई क्षेत्र में विकास के मार्ग को प्रशस्त करने का काम किया था। उन कामों का आज तक जनता बखान कर रही है। इस बार वे डंपिंग ग्राउंड, स्वास्थ्य सुविधाओं, इंप्रâास्ट्रक्चर, ट्रैफिक जाम समेत कई मुद्दों को लेकर चुनाव मैदान में उतरे हैं। इन्हीं विषयों पर उनसे `दोपहर का सामना’ के संवाददाता धीरेंद्र उपाध्याय ने खास बातचीत की। उसके प्रमुख अंश इस पेश हैं…
ईशान्य मुंबई में सबसे बड़ी समस्याएं कौन-सी हैं?
सबसे बड़ी समस्या डंपिंग ग्राउंड की है। पूरे मुंबई का कचरा ईशान्य मुंबई में आता है। इस डंपिंग ग्राउंड से मुलुंड, कांजूर मार्ग, विक्रोली, शिवाजी नगर, गोवंडी, घाटकोपर में बदबू पैâल रही है। इसे दूर करने के लिए मनपा के संबंधित ठेकेदार सही तरीके से उसे प्रोसेस नहीं कर रहे हैं। इससे क्षेत्र में केवल बदबू ही नहीं, बल्कि कई बीमारियां भी फैल रही हैं। शिवाजी नगर, मानखुर्द, कामराज नगर, रमाबाई नगर, विक्रोली, कांजूरमार्ग समेत डंपिंग ग्राउंड के आस-पास के इलाकों में लोग मल्टी ड्रग रेसिस्टेंट के शिकार हो रहे हैं। उन्हें कोई भी दवा काम नहीं कर रही है। शिवाजी नगर और गोवंडी में रहनेवाले लोगों की तो आयु ही १५ साल कम हो गई है।
क्षेत्र में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की स्थिति कैसी है?
जिस समय मैं सांसद था तब मुलुंड अस्पताल का काम शुरू कराया था। इस काम को शुरू हुए दस साल का समय बीत चुका है, लेकिन अभी तक अस्पताल का काम पूरा नहीं हुआ। भांडुप में अस्पताल की टेंडरिंग प्रक्रिया अब जाकर शुरू हुई है। इसका काम भी धीमी गति से चल रहा है। विक्रोली में अस्पताल के लिए लोगों ने अनशन किया। इसके बाद यहां मंत्री से लेकर मुख्यमंत्री आए, लेकिन आश्वासनों का पिटारा देकर चले गए। आज तक आगे कोई काम नहीं हुआ। ऐसे में घाटकोपर का राजावाड़ी अस्पताल ओवर लोड हो चुका है। गोवंडी और शिवाजी नगर का अस्पताल तो केवल ओपीडी की तरह चल रहा है, बाकी मेडिकल सुविधाएं यहां नहीं हैं, जबकि मुंबई में फेफड़ों से संबंधित सबसे अधिक बीमारियां इसी क्षेत्र में हैं। इतना सब कुछ होते हुए भी क्षेत्र में चिकित्सा व्यवस्थाएं न के बराबर हैं। इस क्षेत्र में मुंबई का पूरा मेडिकल वेस्ट भी यहीं आता है। यहां लोग मौजूद मेडिकल वेस्ट की पैâक्टरी को बंद करने की मांग कर रहे हैं, लेकिन यह सरकार मान नहीं रही है। मेरा सवाल है कि डंपिंग ग्राउंड और यहां मौजूद मेडिकल वेस्ट की कंपनी में कौन पार्टनर है, इसका सपोर्ट और इसे प्रोटेक्ट कौन कर रहा है, इसका पता किया जाना चाहिए।
ईशान्य मुंबई में कई धारावीकरों के पुनर्वास पर विचार चल रहा है। इस पर आपकी भूमिका क्या है?
धारावीकरों के पुनर्वसन का मुद्दा कुछ समय से चल रहा है। लोग आक्रोशित हैं और वे आंदोलन कर रहे हैं। वे कह रहे हैं कि उन्हें ईशान्य मुंबई में नहीं जाना है। इसे लेकर शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार), कांग्रेस समेत महाविकास आघाड़ी में शामिल सभी घटक दलों की राय भी यही है कि धारावीकरों का पुनर्वास वहीं के वहीं होना चाहिए। यदि उनका पुनर्वसन यहां होता है तो उनके बच्चों के स्कूल से लेकर नौकरियां, रोजमर्रा की गतिविधियां आदि सभी कुछ प्रभावित होगा। दूसरी तरफ मुलुंड, भांडुप और विक्रोली का इंप्रâास्ट्रक्टर पहले से ही ओवर लोडेड है। यहां की पैâक्ट्रियां बंद हो गई हैं। उसके स्थान पर यहां हाउसिंग और शॉपिंग कॉम्प्लेक्स बन गए। ईशान्य मुंबई में पहले से ही लोड अधिक है। गाड़ियों की संख्या बहुत ज्यादा बढ़ गई है, जबकि ड्रेनेज, पानी और बिजली समेत जरूरी बुनियादी सुविधाएं उतनी ही हैं। पहले से ही इन समस्याओं का समाधान नहीं हो रहा है। इसी बीच जो नहीं आना चाहते हैं, उन्हें भी यहां लाया जा रहा है।
क्या केंद्र और राज्य सरकार धनकुबेरों को और धनवान बनाने के लिए गरीबों के साथ अन्याय कर रही है?
खार जमीन केवल मुलुंड में ही नहीं, बल्कि भांडुप, विक्रोली, कांजूरमार्ग तक फैली हुई है। इस जमीन को लेकर विधानसभा में शिंदे सरकार झूठ बोलने की सारी सीमाएं पार कर चुकी है। यह सरकार कह रही है कि खार जमीन पर टर्मिनस और वर्ल्ड पार्क बनाया जाएगा, जिसे लेकर भूखंड भी अलॉट कर दिया गया है। उनके आका के दोस्त को पहले ही भूखंड दे दिया गया है। पहले से धनकुबेर उस विशेष व्यक्ति को और धनवान करने के लिए गरीबों के साथ अन्याय किया जा रहा है।
प्राइवेटाइजेशन इस सरकार में तेजी से बढ़ा है। इस पर आप क्या कहेंगे?
आज सभी जगहों पर प्राइवेटाइजेशन चल रहा है। देशवासियों को निकट भविष्य में सभी वस्तुएं अडानी की कंपनियों से ही खरीदनी पड़ेंगी। इसके अलावा महाराष्ट्र में जो बची खुची परियोजनाएं हैं, उन सभी को बाहर ले जाया जा रहा है। देश के हर कोने में विकास होना चाहिए, लेकिन हमारे हक की परियोजनाओं और रोजगारों को आखिर क्यों छीना जा रहा है?
चुनाव में किस तरह का प्रतिसाद मिल रहा है और यहां का जातिगत समीकरण क्या है?
हम जाति-धर्म पर नहीं जाते हैं। सभी जाति-धर्म के लोग हमारी मदद कर रहे हैं। शिवसेनापक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे की छवि का इस समय बहुत अधिक प्रभाव है। उन्हें सभी समुदाय के लोग सम्मान दे रहे हैं। हमारे प्रतिद्वंद्वी दलों की तरह महाविकास आघाड़ी एक विशिष्ट जाति-धर्म के नाम पर राजनीति करते हुए वोट नहीं मांग रही है।
बेरोजगारी और महंगाई देश में अहम समस्या बन गई है। जीतने के बाद इसे दूर करने में आपकी किस तरह की कोशिश रहेगी?
इस बार मैं जीतूंगा। मैं इस समय जिस शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पक्ष से खड़ा हूं, उसी की मदद से ही तो अब तक ये लोग जीतते आ रहे थे। मैं केवल अपने संसदीय क्षेत्र और मुंबई की ही बात नहीं कर रहा हूं, बल्कि पूरे महाराष्ट्र की कर रहा हूं। शिवसेना ने ही तो भाजपा को बड़ा किया है।
अस्पताल की दयनीय स्थिति के सुधार पर किस तरह से काम करेंगे?
मैं जिस समय ईशान्य मुंबई से सांसद था, उस समय ६६० करोड़ रुपए मंजूर कराया था, इसमें से १६० करोड़ रुपए आया भी था। इस बीच चुनाव शुरू हो गया। चुनाव जीतने के बाद भाजपा के सांसद ने इसे लेकर फॉलोअप नहीं किया। ऐसे में १६० करोड़ रुपए केंद्र को वापस चले गए और बाकी निधि पर भी विराम लग गया। इसके कारण अस्पताल का काम बीच में ही अटक गया, लेकिन जीतने के बाद मैं जरूर फिर से अस्पताल के विकास का काम करूंगा।
आप अपने प्रतिद्वंद्वी को कितने वोटों से पटखनी दे रहे हैं?
हमें आंकड़ों पर नहीं जाना है कि हम इतने वोटों से जीतेंगे। ये जुमलेबाजी हमारे प्रतिद्वंद्वियों की है। हमारी जीत पक्की है। लोगों का प्यार है। लोगों को पता है कौन क्या काम कर रह है। सांसद रहते हुए मैंने मुंबई के ४६१ मुद्दों को संसद में उठाया था। इस पर चुनाव में खड़े हमारे प्रतिद्वंद्वी सवाल खड़े कर रहे हैं। इसलिए मैंने विधायक और सांसद रहते हुए क्या-क्या विकास कार्य किया है, इसका पूरा ब्योरा भेजूंगा। यह सरकार मनपा का चुनाव नहीं करा रही है। उन्हें किसी तरह का डर नहीं है तो मोदी के नाम से वोट क्यों मांग रहे हैं?
ईशान्य मुंबई के इंफ्रास्ट्रक्टर और ट्रैफिक को दूर करने के लिए आप क्या करेंगे?
ईशान्य मुंबई की इंफ्रास्ट्रक्टर बहुत बेकार स्थिति में है। इसी में यहां और लोगों को लाकर बसाने की योजना है। इससे यहां की स्थिति और खराब हो जाएगी। यहां की जो सड़कें हैं और ईस्ट-वेस्ट कनेक्टिविटी है, उसे बढ़ाना है। केंद्र और राज्य में सत्ता रहते हुए भी क्षेत्र में कई परियोजनाएं रुकी हुई हैं। उन परियोजनाओं को पूरा करने पर जोर रहेगा। इसके साथ ही इंप्रâास्ट्रक्चर बढ़ाने पर भी काम करूंगा।