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डिप्टी कमिश्नर सहकारिता के बेटे को नियमों को ताक पर रख बनाया सहायक समिति प्रबंधक, कलेक्टर रौशन कुमार सिंह के निर्देश पर हुई जांच में खुलासा

दीपक तिवारी

विदिशा। एक तरफ जहां पढ़े लिखे युवा बेरोजगार नौकरी की तलाश में दर-दर भटक रहे हैं, वहीं दूसरी ओर अधिकारी अपने पद के दम पर अपने परिजनों की नियम विरुद्ध नियुक्तियां पिछले दरवाजे से करवाकर योग्य युवाओं के सपनों को अपने पैरों तले रौंद रहे हैं। जिला विदिशा में सहकारिता के डिप्टी कमिश्नर पीएस बारोठिया के बेटे को सहकारी समिति में नियम विरुद्ध सहायक समिति प्रबंधक के पद पर नियुक्त करने का मामला उजागर हुआ है। शिकायत पर कलेक्टर रौशन कुमार सिंह ने जांच के निर्देश दिए थे।

सहकारिता विभाग से रिटायर आडीटर सुनील अग्रवाल ने शिकायत की थी कि डिप्टी कमिश्नर सहकारिता जिला विदिशा पीएस बरोठिया के पुत्र राहुल बरोठिया को नियम विरुद्ध सिरोंज शाखा की पैक्स देहरी में समिति प्रबंधक बनाया गया है। जनसुनवाई में कलेक्टर श्री सिंह ने शिकायतकर्ता सुनील अग्रवाल से बोला कि यदि शिकायत गलत पाई गई तो आपके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी, तब शिकायतकर्ता ने कलेक्टर श्री सिंह से निवेदन किया था कि मुझे दंडित होना मंजूर है और मामले की निष्पक्ष जांच कराने का आग्रह किया।

कलेक्टर श्री सिंह के निर्देश पर जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के सीईओ ने जब जांच कराई तो डिप्टी कमिश्नर के पुत्र की नियुक्ति सेवा नियमों के विपरीत और अवैध पाई गई। जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के द्वारा कलेक्टर को भेजे जांच प्रतिवेदन के अनुसार उप पंजीयक सहकारी संस्थाएं और वरिष्ठ अधिकारियों को अंधेरे में रख यह नियुक्ति पूरी तरह अवैधानिक है। डिप्टी कमिश्नर के बेटे राहुल बारोठिया की नियुक्ति 4 सितंबर 2021 को वार्षिक आमसभा के माध्यम से अस्थाई लिपिक के पद पर उप पंजीयक से मंजूरी कराए बगैर की गई। जबकि रिक्त पदों के संबंध में समाचार पत्रों में विज्ञापन जारी करते हुए भर्ती की जानी चाहिए थी, लेकिन सहकारी समिति देहरी द्वारा सेवा नियमों का उल्लंघन कर डिप्टी कमिश्नर के बेटे को उनके पिता अधिकारी के दबाव में नियुक्त कर दिया गया। इतना ही नहीं पैक्स देहरी द्वारा 1 साल बाद राहुल को स्थाई भी कर दिया गया।

आडिट के दौरान पकड़ में आया था मामला

शिकायतकर्ता सुनील अग्रवाल ने ‘सामना’ को बताया कि 2020-21 के ऑडिट में मामला पकड़ में आया था। उस समय वे ऑडिटर के पद पर सहकारिता कार्यालय विदिशा में तैनात थे अब वे रिटायर हो चुके हैं। उनका कहना है कि वरिष्ठ अधिकारियों को अंधेरे में रखने वाले और घाटे में चल रही समिति पर अवैधानिक वित्तीय भार डालने वाले सहकारी बैंक सिरोंज के शाखा प्रबंधक, प्रशासक, समिति प्रबंधक और सुपरवाइजर नियमों के विरुद्ध नियुक्ति करने के दोषी हैं, इसलिए इन सभी पर एफआईआर कर राहुल बरोठिया को दिए वेतन की वसूली होनी चाहिए।

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