सामना संवाददाता / लखनऊ
यूपी में दूसरे चरण में काफी कम मतदान हुआ है। इसमें भी मथुरा में मतदान का प्रतिशत ५० फीसदी से कम है। ऐसे में ड्रीम गर्ल हेमा मालिनी का मथुरा से हारना तय है। यह बात इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि अयोध्या के बाद भाजपा ने मथुरा के कृष्ण जन्मभूमि का मुद्दा गर्म किया है। मगर वोटिंग की हालत देखकर साफ कहा जा सकता है कि जनता ने मथुरा का मुद्दा नकार दिया है। दूसरे चरण में यूपी की आठ सीटों मेरठ, बागपत, गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर, बुलंदशहर, अमरोहा, अलीगढ़ और मथुरा में मतदान हुआ था। मगर चुनाव में साफ लग रहा था कि अयोध्या और मथुरा दोनों मुद्दों का मतदाताओं पर कोई प्रभाव नहीं दिखा।
उत्तर भारत में कुल ५५ फीसदी मतदान हुआ जिसमें, यूपी में सबसे कम ५४.९३ फीसदी ही मतदान हो पाया। बिहार में यूपी से ज्यादा ५५.०८ फीसदी मतदान हुआ है। भाजपा के अंदरखाने में इस बात को लेकर परेशानी है कि दो चरण का मतदान हो चुका है और हिंदुत्व का मुद्दा नहीं चल पा रहा है। इस बारे में कोर्ट भी एक्टिव है और ज्ञानवापी का हो या मथुरा का सर्वे, सभी के आदेश जारी किए गए। पर न तो इसमें युवाओं को रुचि दिखी और न ही महिलाओं को। भाजपा के सूत्र बताते हैं कि भाजपा के सामान्य कार्यकर्ताओं में भी उत्साह का अभाव नजर आया जिसके कारण वे भी बाहर काफी कम निकले। ऐसे में मतदाताओं को पोलिंग बूथ तक लेकर कौन जाता। स्थानीय भाजपा कार्यकर्ताओं में चुनाव को लेकर कोई उत्साह नजर नहीं आया। दरअसल, कई जगहों पर भाजपा ने बेरहमी से टिकट काट डाले। इससे स्थानीय लोग नाराज हो गए। मसलन भाजपा ने गाजियाबाद से वीके सिंह का टिकट काट दिया, जिससे गाजियाबाद में लोग काफी नाराज हो गए। इसका असर भी मतदान में दिखा।