अर्थ तो है

अर्थ तो है
इस विवस्त्र भाषा में जो
आजकल बोली जा रही है
बाजार में ।
लेकिन व्यर्थ
दिशाहीन
अराजक ।
इसे भाषा दो
और कहो कि
उधर ताको
बाईं ओर
जिधर भाषा है।
जीवंत
गतिशील
संस्कार युक्त
अभी भी।
इस अनैतिक समय में बचाए रखी है
शालीनता
करीने से ।
तुम उसे उठाओ
और रख दो
प्यार से
दहलीज पर
वक्त की।।

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