मध्य प्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह एक बार फिर से चर्चा में है। उन्होंने खुद ही यह स्वीकार कर लिया है कि मध्य प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था किराए पर है। दरअसल, हाल ही में हुए एक कार्यक्रम में उन्होंने सार्वजनिक तौर पर ये स्वीकार किया कि राज्य में शिक्षा व्यवस्था ठीक नहीं है। सरकारी स्कूलों में पढ़ाने वाले टीचर खुद स्कूल नहीं जा रहे हैं, बल्कि वो अपनी जगह दूसरे लोगों को भेज रहे हैं। उन्होंने एक कार्यक्रम में मंच से कहा कि कई शिक्षक स्कूल नहीं जाते और अपनी जगह दूसरों को पढ़ाने के लिए किराए पर रखते हैं। उनका कहना है कि वे व्यक्तिगत रूप से ५०० ऐसे शिक्षकों को जानते हैं जो इस प्रकार की व्यवस्था चला रहे हैं। इस खुलासे के बाद शिक्षा व्यवस्था और सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठने लगे हैं।
बता दें कि शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें मंत्री खुद कह रहे हैं कि शिक्षक स्कूल नहीं जाते और अपनी जगह दूसरों को पढ़ाने के लिए किराए पर रखते हैं। शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह ने कहा है कि अकेले उनके जिले में ही लगभग १०० शिक्षक ऐसे हैं, जो स्कूल में पढ़ाने के लिए असिस्टेंट को नियुक्त करते हैं। उन्होंने आगे कहा कि ५०० ऐसे शिक्षकों को वे व्यक्तिगत रूप से जानते भी हैं। प्रदेश में मंत्री के इस तरह के बयान से पता चलता है कि शिक्षा व्यवस्था में लापरवाही किस स्तर तक है।