मनोज श्रीवास्तव / लखनऊ
सहारनपुर के सांगाठेड़ा गांव में भाजपा नेता द्वारा मारे गए तीन बच्चों की मौत के बाद उनकी मां नेहा रोहिला ने भी दम तोड़ दिया। शनिवार दोपहर भाजपा नेता योगेश रोहिला ने शक और गुस्से में अपनी पत्नी और तीन मासूम बच्चों के सिर में गोलियां दाग दी थीं। उसकी बेटी श्रद्धा (8), बेटे देवांश (7) और शिवांश (4) की मौत हो गई थी, जबकि नेहा को जिला अस्पताल से गंभीर हालत में हायर सेंटर रेफर किया गया था। 51 घंटे तक मौत से जूझने के बाद सोमवार शाम नेहा भी इस दुनिया को अलविदा कह गई। वारदात के बाद जब रविवार को योगेश की बहनें घर आईं थीं तो बार-बार चिल्लाकर कह रहीं थीं कि 17 साल पहले तड़पती हुई मां ने जो श्राप दिया था वह सच हो गया। मां ने कहा था कि बिल्लू (योगेश के घर का नाम) तुझे कभी शांति और सुख नहीं मिलेगा। 17 साल बाद योगेश के कुंठित दिमाग ने वह सच कर दिया। श्रद्धा, देवांश और शिवांश के शवों को देखकर उनकी बुआ सीमा और गुड्डी बार-बार बेहोश हो रही थीं। वह बार-बार कह रही थीं कि योगेश ने अपने अंहकार व शक में घर के चिरागों को बुझा दिया है। नेहा के मौसा राजपाल ने बताया कि 17 साल पहले जब योगेश के माता-पिता और तीन बहनों की जहरीले पदार्थ से मौत हो गई थी, तब तड़पते हुए योगेश की मां ने कहा था कि इस हवेली में तू अकेला ही रहे, तुझे पानी देने वाला भी कोई न रहेगा। तुझे कहीं भी शांति नहीं मिलेगी। दोनों बहनें मां की इन बातों को याद कर बिलख रहीं थीं।
पत्नी और तीन बच्चों को मौत के घाट उतारने वाला आरोपी योगेश पिछले कई दिनों से साजिश रच रहा था। वह खुद को मानसिक रूप से बीमार दिखाने की भी कोशिश कर रहा था। ग्रामीणों को बताया था कि वह सहारनपुर में किसी डॉक्टर के पास भी गया। जब उससे डॉक्टर का नाम, पता पूछा गया तो वह इधर-उधर देखने लगा। पुलिस ने उसके पास से एक पिस्टल, 10 जिंदा कारतूस, चार खोखे और एक कारतूस नाल में फंसा हुआ बरामद किया। सवाल यह है कि योगेश के पास लाइसेंसी पिस्टल थी, लेकिन इतनी संख्या में कारतूस क्यों रखे हुए थे। बताया जा रहा है कि कुछ दिन पहले ही उसने कारतूस खरीदे थे।