मुख्यपृष्ठखबरेंमनपा है कि जागती नहीं ... सड़कों पर अब भी खुले पड़े...

मनपा है कि जागती नहीं … सड़कों पर अब भी खुले पड़े हैं मौत के गड्ढे!

– पिछले सप्ताह अंधेरी में हुई थी महिला की दर्दनाक मौत
– प्रशासन को अब भी पब्लिक की परवाह नहीं
सामना संवाददाता / मुंबई
महानगर मुंबई में अंडरग्राउंड ड्रेनेज लाइन के लिए बने कई मैनहोल्स के ढक्कन गायब हैं। इससे बारिश में पानी जमने के कारण ये मौत के गड्ढे नजर नहीं आते। गत सप्ताह एक महिला की मैनहोल में गिरने से मौत हो चुकी है। इसके बावजूद मनपा है कि जागती नहीं और अभी भी मुंबई में सड़कों के किनारे काफी मैनहोल्स के ढक्कन टूटे-फूटे और गायब हैं। इससे साफ है कि प्रशासन को अब भी पब्लिक की परवाह नहीं है। कोर्ट की फटकार हो या जनता के आक्रोश की आवाज, मनपा की नींद है कि खुल ही नहीं रही है। इससे साफ है कि मुंबई में सड़कों किनारे बने मैनहोल्स अब ज्यादा खतरनाक स्थिति में है।

कभी भी हो सकती है दुर्घटना
शहर के २०ज्ञ् मैनहोल्स के ढक्कन गायब!

बारिश के दौरान पिछले सप्ताह अंधेरी के एमआईडीसी इलाके में ढक्कन नहीं होने के कारण एक महिला की मैनहोल में गिरने से मौत हो गई थी। अब एक सप्ताह बाद भी मनपा की आंखे नहीं खुलीं और उसने क्षेत्र में खुले नाले व मैनहोल्स पर ढक्कन तक नहीं लगाया है। कई जगहों पर मैनहोल्स के टूटे-फूटे ढक्कन लोगों के लिए जानलेवा बने हैं। सूत्रों के अनुसार ४० प्रतिशत से ज्यादा मैनहोल्स ऐसे हैं, जहां कभी भी दुर्घटना हो सकती है, जबकि २० प्रतिशत मैनहोल्स पर ढक्कन ही नहीं है। मनपा के अनुसार, इनमें से कई पर ढक्कन लगाए गए थे लेकिन वे चोरी हो गए हैं।
बता दें कि मुंबई में सड़क के नीचे से बड़े-बड़े गटर की पाइपलाइन गई हैं। इनकी सफाई और इसमें मानसून के दौरान पानी पास होने के लिए मैनहोल्स बनाए गए हैं। इस पर सुरक्षा के लिहाज से जालीदार ढक्कन लगाए जाते हैं। शहर और उपनगर में कुल १.२० लाख से अधिक मैनहोल्स हैं, लेकिन इनमें से कुछ मैनहोल्स पर ढक्कन नहीं हैं तो कुछ पर टूटे हुए ढक्कन हैं। अंधेरी में गत सप्ताह विमला नामक महिला की ड्रेनेज लाइन में गिरने से मौत हो गई थी। इस बारे में मनपा में पूर्व विपक्ष नेता रवि राजा ने कहा कि हर वर्ष मानसून में मैनहोल्स में गिरकर किसी न किसी की मौत हो रही है। लेकिन मनपा को शायद इससे कोई फर्क नहीं पड़ रहा है। शिवसेना के पूर्व नगरसेवक सचिन पडवल ने कहा कि मनपा में चुनाव नहीं होने से नगरसेवक नहीं हैं, ऐसे में प्रशासन मनमानी तौर पर काम कर रहा है।
हाई कोर्ट ने भी मनपा को सभी मैनहोल्स पर ढक्कन लगाने का आदेश दिया था। इसके बाद भी मनपा ने ७४,६८२ मैनहोल्स में से ३००८ पर ही ढक्कन लगाए। बाकी के मैनहोल्स अब भी खुले एवं बिना ढक्कन के हैं। जिसे लेकर कोर्ट ने भी नाराजगी व्यक्त की है। किंतु मनपा अब भी किसी बड़ी दुर्घटना का इंतजार कर रही है। बिना किसी बड़ी दुर्घटना के मनपा की नींद नहीं खुलेगी। इस बारे में शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के पूर्व नगरसेवक सचिन पडवल ने कहा कि मुंबई में लगभग ३० प्रतिशत मैनहोल्स पर ढक्कन नहीं होने अथवा उसकी अवस्था सही नहीं होने से लोगों के लिए ये खतरनाक हैं। इस बारे में एक मनपा अधिकारी ने बताया कि वास्तव में अभी तक इस बारे में डेटा हमारे हाथ मे नहीं है।

अन्य समाचार