दुनिया में अचानक कब क्या घटित हो जाए कुछ कहा नहीं जा सकता। इसी संदर्भ में दुनियाभर के तमाम मीडिया की निगाहें केन्या के दक्षिण दिशा में बने गांव, जिसका नाम माकुनी काउंटी की ओर लगी हुई हैं, जहां रिंगनुमा आकृति जिसका वजन लगभग ५०० किलो बताया जा रहा है, में आग लगी हुई है। इस पर मालिकाना हक किसका है, इस पर भी रहस्य अभी बरकरार है। केन्या के नागरिकों ने जब इस रहस्यमय रिंग को देखा तो उनके आश्चर्य का ठिकाना न था, क्योंकि इस रिंगनुमा आकृति में कुदरती आग लगी हुई थी। इस धातु की लंबाई लगभग २.५ मीटर तथा वजन लगभग ५०० किलो है।
रिंग पर किसका अधिकार
अंतरिक्ष से गिरे इस भारी-भरकम रिंग के पृथ्वी पर गिरने का कारण जानने के लिए वैज्ञानिक प्रयासरत हैं। अब प्रश्न यह उठता है कि इस रिंग पर मालिकाना अधिकार किसका होगा, क्योंकि यह छल्ला केन्या के एक गांव में गिरा है। अर्थात इस पर केन्या सरकार का पूर्ण अधिकार है। भविष्य में जांच की आवश्यकतानुसार केन्या सरकार इस रिंग को किसी भी सरकार को देने का अधिकार अपने पास रखती है। इसके साथ ही केन्या सरकार की अंतरिक्ष एजेंसी ये भी पता करने की कोशिश कर रही है कि यह गंदगी अंतरिक्ष से पृथ्वी पर गिरी है या किसी विमान से निकली हुई गंदगी पृथ्वी पर गिरी है। फिलहाल, यह अभी जांच का विषय है, जिस पर केन्या अंतरिक्ष एजेंसी स्टडी मलबे को सुरक्षित रखकर कर रही है तथा हावर्ड-स्मिथसोनियन सेंटर फॉर एस्ट्रोफिजिक्स के विशेषज्ञ एवं पुन: प्रवेश ट्रैकर जोनाथन मैकडॉवेल ने इस विषय पर अपना विचार रखा कि मलबे पर पुन: प्रवेश के समय गर्म होने के सुबूत में स्पष्टता नहीं दिखती, जिससे ये किसी विमान का भी हिस्सा होने की प्रबल संभावना हो सकती है। इनसाइड आउटर स्पेस की आरंभिक जांच में एयरोस्पेस कॉर्पोरेशन के सेंटर फॉर आर्बिटल एंड री-एंट्री डिब्री स्टडीज ने प्रवेश डेटाबेस में यह अंदाज लगाया है कि यह मलबा २००४ में लॉन्च किए गए एटलस रॉकेट से संबंधित हो सकता है। हाल-फिलहाल यह जांच का विषय है और केन्या सरकार की अंतरिक्ष एजेंसी इस पर कार्य कर रही है।
इस मलबे का जिम्मेदार कौन?
दावा किया जा रहा कि इस मलबे के संचय को जिसे केसलर सिंड्रोम कहा जाता है, पृथ्वी के लिए वास्तविक खतरे को बढ़ा रहा है। ऐसा माना जा रहा है कि जब पृथ्वी की निचली कक्षा में वस्तुओं का घनत्व एक निश्चित स्तर तक पहुंचेगा, तब इसकी टक्कर संघर्ष शृंखला की ओर बढ़ेगी, जो पृथ्वी के लिए अच्छी बात नहीं होगी। नासा के वैज्ञानिक डोनाल्ड जे. के अनुसार, १९७८ के सिद्धांत के अनुसार पृथ्वी का यह हिस्सा मनुष्य जीवन के लिए उपयोगी नहीं रह जाएगा जिसका परिणाम प्राणी जीवन के लिए अच्छा नहीं होगा।
सीएनएन द्वारा उद्धृत विश्वविद्यालय के ग्रह विज्ञान के प्रो. विष्णु रेड्डी के विचारानुसार पिछले कुछ वर्षों से अंतरिक्ष में लॉन्च किए गए प्रोजेक्ट्स की संख्या बढ़ी है। अंतरिक्ष में मैटल वस्तुओं का बढ़ना पृथ्वी के लिए हानिकारक सिद्ध हो सकता है, जिसका परिणाम अब दिखने लगा है।
नासा ने भी स्पष्ट किया है कि अब पृथ्वी की निचली कक्षा (एलईओ) को कचरे का सबसे बड़ा डंप माना जा रहा है। वर्तमान में ६,००० टन सामग्री विचार करने के लिए विवश कर रही है कि क्या वास्तव में हम केसलर सिंड्रोम के खतरे की ओर बढ़ रहे हैं? क्या आनेवाले समय में हम अंतरिक्ष यात्राओं के लिए वैज्ञानिकों के लिए खतरे का मार्ग तैयार कर रहे हैं? जलती हुई रिंग का पृथ्वी पर गिरना हमारे लिए खतरे का संकेत है?
किराया न देने पर मकान मालिक ने निकाले खिड़की-दरवाजे
फ्रांस में एक मकान मालिक ने महिला किराएदार द्वारा ५ माह तक किराया नहीं दिए जाने पर सर्दी के मौसम में मकान की खिड़कियां व दरवाजे निकलवा दिए हैं। मामले का वीडियो भी सामने आया है, जिसमें महिला गत्ते से कवर कर किसी तरह घर में गुजारा कर रही है। बकौल रिपोर्ट्स, महिला ने मकान मालिक पर केस किया है।