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दुनियाभर में घट रही है हिंदुओं की संख्या! …२०५० तक बेहद कम हो जाएगी

आबादी मुसलमानों का होगा बोलबाला
सामना संवाददाता / नई दिल्ली
पिछले तीन दशक से हिंदुस्थान में विभिन्न धर्म की आबादी के अनुपात में बड़े बदलाव आए हैं। हिंदुओं की संख्या में मामूली वृद्धि हुई है तो मुस्लिम समाज की आबादी काफी तेजी से बढ़ी है। हिंदुुस्थान में ही नहीं बल्कि दुनियाभर में मुसलमानों की आबादी तेजी से बढ़ रही है। प्यू रिसर्च ने साल २०१० से लेकर २०५० के बीच विश्व जनसंख्या में बड़े धार्मिक बदलाव का दावा किया है। प्यू रिसर्च के मुताबिक प्रजनन दर और धर्म परिवर्तन की वजह से यह बदलाव हो रहा है। रिसर्च में दावा किया गया कि अगले चार दशकों तक ईसाई सबसे बड़ा धार्मिक समूह बना रहेगा, लेकिन इस्लाम सबसे तेजी से जनसंख्या वृद्धि करेगा। यदि ऐसे ही जारी रहा तो साल २०५० तक मुसलमानों की संख्या ईसाइयों के बराबर हो जाएगी। इस बीच हिंदुओं की संख्या में मामूली वृद्धि ही होगी। आश्चर्य तो यह है कि मुसलमानों की आबादी हिंदुओं की तुलना में दुगनी रफ्तार से बढ़ेगी।
दरअसल, २०१० में पूरी दुनिया की आबादी ६.९ बिलियन होने का अनुमान जताया गया था, जो साल २०५० तक ९.३ बिलियन पर पहुंच सकती है। यानी २०१० के मुकाबले २०५० में दुनिया की कुल आबादी ३५ फीसदी बढ़ जाएगी। दूसरी तरफ दुनिया में साल २०१० में मुसलमानों की आबादी १ अरब ६० करोड़ के करीब थी, जो साल २०५० में बढ़कर २ अरब ७६ करोड़ से अधिक हो सकती है। इस तरह से अगले कुछ सालों में मुसलमानों की आबादी १ अरब १६ करोड़ से अधिक बड़ जाएगी। दुनिया भर में हिंदू आबादी की बात करें तो साल २०१० में १ अरब ३ करोड़ के करीब थी, जो साल २०५० तक बढ़कर १ अरब ३८ करोड़ के करीब ही हो पाएगी। ऐसे में हिंदुओं की आबादी आने वाले समय में ३५ करोड़ के करीब बढ़ने वाले है। जबकि साल २०१० में कुल २३.२ फीसदी मुस्लिम थे जो साल २०५० में बढ़कर २९.७ फीसदी हो सकते हैं। दूसरी तरफ साल २०१० में दुनिया भर में हिंदू १५ प्रतिशत थे, जिनकी आबादी ०.१ फीसदी कम होने वाली है।
भारत में होंगे सबसे अधिक मुसलमान
रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में साल २०५० तक हिंदू बहुसंख्यक तो रहेंगे, लेकिन आने वाले समय में सबसे अधिक मुसलमान भारत में ही निवास करेंगे। मौजूदा समय में इंडोनेशिया सबसे ब़ड़ा इस्लामिक देश है, जहां पर भारत और अन्य तमाम देशों के मुकाबले सबसे अधिक मुसलमान रहते हैं। लेकिन आने वाले समय में यह आंकड़ा बदलने वाला है। प्यू की रिपोर्ट के मुताबिक, साल २०१० से २०५० के बीच सबसे अधिक तेजी से मुसलमानों की संख्या में वृद्धि होगी। २०१० के मुकाबले २०५० में मुसलमानों की संख्या ७३ फीसदी बढ़ सकती है। दूसरी तरफ हिंदुओं की संख्या महज ३४ फीसदी बढ़ने का अनुमान है। हिंदुओं से अधिक ३५ फीसदी क्रिश्चियन धर्म मानने वालों की संख्या बढ़ सकती है।

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