उत्तर प्रदेश के झांसी स्थित मेडिकल कॉलेज के चाइल्ड वॉर्ड में शुक्रवार देर रात लगी आग में १० बच्चों की जलकर दर्दनाक मौत हो गई है। इस दौरान १६ बच्चे गंभीर रूप से घायल हो गए। पहले कहा जा रहा था कि शॉर्ट-सर्किट होने की वजह से आग लगी थी, लेकिन अब अलग खबर सामने आ रही है। झांसी अग्निकांड के प्रत्यक्षदर्शी का कहना है कि एक नर्स ने ऑक्सीजन सिलिंडर के पाइप को जोड़ने के लिए माचिस की तीली जलाई और जैसे ही माचिस जली, पूरे वॉर्ड में आग लग गई। झांसी के चीफ मेडिकल सुप्रीटेंडेंट के अनुसार, एक आईसीयू वॉर्ड में ५४ बच्चे भर्ती थे, अचानक से ऑक्सीजन कंसंट्रेटर में आग लग गई, जिससे ऑक्सीजन से भरे एनआईसीयू वॉर्ड में आग पैâल गई। झांसी डिविजन के डीआईजी ने बताया कि आग पर पूरी तरह से काबू पा लिया गया है, जो घायल हैं उन्हें शिफ्ट करने कार्य चल रहा है।
जान पर खेलकर बचाई ५ मासूमों की जिंदगी, पर अपना बच्चा लापता
महोबा जिले के कबरइ इलाके के रहनेवाले कुलदीप सिंह का भी बेटा मेडिकल कॉलेज में एडमिट था, जिसका अब कुछ पता नहीं चल पा रहा है। ९ नवंबर को कुलदीप के बेटे का जन्म हुआ था। उसकी तबीयत खराब हुई तो झांसी मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया। बीती रात जब यह हादसा हुआ तो कुलदीप बच्चे की दवा लेने के लिए बाहर गए थे। पत्नी ने उन्हें वॉर्ड में आग लगने की सूचना दी। कुलदीप दौड़कर जब वॉर्ड में पहुंचे तो आग हर तरफ पैâल चुकी थी। बच्चे अंदर बिलख रहे थे और हर तरफ चीख-पुकार मची हुई थी। कुलदीप उन लोगों में शामिल हैं, जिन्होंने अपनी जान पर खेलकर बच्चों को बचाया।