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ईडी सरकार का शुरू हुआ जुल्म! … गरीबों के लिए बंद किए मंत्रालय के दरवाजे

– कार्यान्वित हुआ फेशियल रिकग्निशन सिस्टम
-आगंतुकों के लिए आरएफआईडी कार्ड
सामना संवाददाता / मुंबई
ईडी सरकार एक बार फिर से सत्ता में आई है। इसी के साथ ही इस सरकार ने गरीबों पर जुल्म शुरू कर दिया है। इसके तहत मंत्रालय के दरवाजों को गरीबों के लिए बंद कर दिया गया है। इसके पीछे का हवाला देते हुए सरकार ने कहा है कि मंत्रालय में खासकर ग्रामीण क्षेत्रों की बढ़ती भीड़ को कम करने के लिए इस तरह के सख्त कदम उठाए गए हैं। फेशियल रिकग्निशन सिस्टम, आरएफआईडी, फ्लोर मैनेजमेंट, ट्रेंचिंग सिस्टम और क्लैप बैरियर के माध्यम से आगंतुकों की संख्या कम की जाएगी। इतना ही नहीं किसी कॉर्पोरेट कार्यालय की तरह प्रत्येक आगंतुकों को अपने गले में आरएफआईडी टैग पहनकर मंत्रालय में प्रवेश करना होगा। यह कार्ड आगंतुकों की स्वतंत्र आवाजाही को प्रतिबंधित करेगा। सबसे अचंभित करनेवाली बात यह है कि मंत्रालय की छठी मंजिल पर प्रवेश पर पूरी तरह से रोक होगी इसलिए विभिन्न दलों के कार्यकर्ताओं में नाराजगी पैâलने की संभावना बढ़ गई है।
मंत्रालय में आने वाले आगंतुकों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। वैâबिनेट बैठक के दिन आगंतुकों की संख्या पांच से छह हजार से अधिक हो जाती है। अन्य दिनों में भी यहां इतनी ही भीड़ रहती है। एक बार मंत्रालय में प्रवेश करने के बाद आगंतुकों को भूतल से लेकर छठी मंजिल तक नि:शुल्क प्रवेश मिलता है। इससे मंत्रालय का बुनियादी ढांचा प्रभावित होता है। सुरक्षा व्यवस्था भी दबाव में रहती है। इसे देखते हुए बीते दिनों मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मंत्रालय में सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की, जिसके बाद मंत्रालय में भीड़ को रोकने के लिए कदम उठाने का निर्णय लिया गया। इसके तहत मंत्रालय में फेशियल रिकग्निशन सिस्टम, फ्लोर मैनेजमेंट सिस्टम, ट्रैकिंग पर्सन, प्लैप बैरिकेड्स जैसी प्रणालियां लगाई जाएंगी। इसके लिए मंत्रालय में प्रवेश करने वाले प्रत्येक व्यक्ति को एक आरएफआईडी (रेडियो प्रâीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन) दिया जाएगा।
हर प्रवेश द्वार पर प्लैप बैरिकेड्स
मंत्रालय के भूतल से लेकर प्रत्येक मंजिल पर प्लैप बैरिकेड्स लगा दिए गए हैं। इन बैरिकेड्स पर एलसीडी स्क्रीन लगाई गई हैं। मंत्रालय के हर कर्मचारी, विधायकों और सांसदों के चेहरे स्कैन किए जाएंगे। इन बैरिकेड्स पर लगी एलसीडी स्क्रीन पर चेहरे का मिलान होने पर बैरिकेड्स के प्लैप स्वत: ही खुल जाएंगे।

विधायकों और सांसदों के चेहरे की भी स्कैनिंग
मंत्रालय में स्थापित होने वाली इन प्रणालियों की लागत ४१ करोड़ ७५ लाख रुपए आएगी। मंत्रालय में यह व्यवस्था तीन चरणों में शुरू की जाएगी। मंत्रालय के लगभग ६,५०० कर्मचारियों की चेहरे की पहचान रीडिंग पूरी हो चुकी है। उन्हें पहचान पत्र भी दिए गए हैं। दूसरे चरण में मंत्रियों, विधायकों, सांसदों और संविदा कर्मियों के चेहरे की रीडिंग की जाएगी। तीसरे चरण में मंत्रालय में आने वाले आगंतुकों के चेहरे की जांच १५ मार्च की जाएगी। इसके बाद उन्हें पहचान पत्र दिया जाएगा।

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