आलसी की खोज!

एक ‘आलसी’ ने एक तोड़ ढूंढ़ निकाला
पूरी आवाम को ‘निठल्ला’ बना डाला
लाखों लोग हुए बेरोजगार/बेकार
धरती पर ले लाया एक ‘जुनूनी अवतार’
एक ही यंत्र सशक्त, जो करे सारे काम
जोर-तोड़, जोग -वियोग, सोच-विचार
पीछे नहीं रहा आचार.. व्यवहार.. व्यापार
भिन्न भिन्न कलाकृतियां भी सिखाता,
दिलचस्प किस्से-कहानियां भी खूब सुनाता
बच्चों को अब ना भाये नानी-दादी
यू ट्यूब पे इन्हें मिली है आजादी।
कहावत ये झूठी कर डाली
औरतों को शॉपिंग-सेटिस्फेक्शन निराली।
घर आ जाएं मिनटों में, घी, चावल-दालें
अफसोस कि कई दुकानों पर लग गए ताले।
डाकिए का अब होता न इंतजार
मैसेजिंग ने उठा लिया उसका भार
आलसियों की हो रही “जय जयकार”
जैसे एक अनार सौ बीमार
वैसे एक मशीन सौ-सौ बेकार
मेहनकशों की लंबी कतार
अब शायद ही आए उनकी बारी
अब तो जीवन ‘रोग’ लगे है भारी।
-नैन्सी कौर
नई दिल्ली

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