मुख्यपृष्ठस्तंभउत्तर की उलटन-पलटन : गजब बेइज्जती है

उत्तर की उलटन-पलटन : गजब बेइज्जती है

श्रीकिशोर शाही

असली राजनीतिज्ञ तो बिहार की जनता होती है। क्या प्यार से नेताओं की बेइज्जती करती है? वो आपने सोशल मीडिया पर डायलॉग सुना ही होगा कि गजब बेइज्जती है। बस कुछ ऐसे ही माहौल से काराकाट संसदीय क्षेत्र से उपेंद्र कुशवाहा को गुजरना पड़ा। इसका एक वीडियो भी तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो काफी छोटा है। उसमें नजर आ रहा है कि उपेंद्र कुशवाहा एक गांव में वोट मांगने जाते हैं, जो शायद कुशवाहा बहुल गांव है। पर, उस गांव के लोगों के तेवर कुछ अलग ही नजर आते हैं। एक तरह से प्यार से गजब की बेइज्जती कर देते हैं। वीडियो में कुछ लोग उपेंद्र कुशवाहा पर कुशवाहा जाति और उनके गांव में नहीं आने तथा उनके समाज का विकास न करने का आरोप लगा रहे हैं। वीडियो में साफ कहा जा रहा है कि आप गांव में आए आपका स्वागत है, लेकिन इस बार आपको वोट नहीं दिया जाएगा, क्योंकि १८ सालों से जो सांसद रहे वह बगल से तो गुजर गए लेकिन इस गांव में आना मुनासिब नहीं समझे। गांव वाले यह भी कह रहे हैं कि हम आपकी इज्जत करते हुए स्वागत करते हैं, आप आए तो आभार है। गांव के लोगों ने यह भी कहा कि हे! महाप्रभु, आप आए हम लोग धन्य हो गए लेकिन इस बार वोट नहीं देंगे। तो इसे प्यार से बेइज्जती ही कहा जाएगा न?
मुफ्त की सेवा चालू रहेगी
लोकसभा चुनाव की तारीखें नजदीक आती जा रही हैं और इसके साथ ही विभिन्न दलों द्वारा अफवाहें पैâलाने का काम भी जोर-जोर से शुरू है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल शराब घोटाले के आरोप में तिहाड़ जेल में बंद हैं। `आप’ नेता संजय सिंह भले ही बाहर आ गए हैं, मगर केजरीवाल के जल्दी छूटने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं। ऐसे में `आप’ सरकार द्वारा दिल्ली की जनता को दी जा रही मुफ्त सुविधाओं के खिलाफ माहौल बनाया जा रहा है। आम लोगों को बताया जा रहा है कि अब केजरीवाल नहीं आएंगे और उनके द्वारा दी गई मुफ्त योजनाएं बंद कर दी जाएंगी। अब ये माहौल `आप’ द्वारा पैâलाया जा रहा है या भाजपा द्वारा यह तो नहीं पता, लेकिन इससे नेताओं के कान खड़े हो गए हैं। ऐसे में कल दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना और `आप’ नेता सौरव भारद्वाज दोनों ने इस अफवाह का खंडन करते हुए कहा कि मुफ्त योजनाएं जारी रहेंगी। उपराज्यपाल का कहना है कि दिल्ली सरकार की कोई भी सब्सिडी योजना बंद नहीं होगी। लोगों को ऐसी अफवाहों और राजनीतिक लाभ पाने के उद्देश्य से दिए जा रहे बयानों से बचना चाहिए। ये योजनाएं भारत सरकार और उपराज्यपाल द्वारा अनुमोदित बजट का हिस्सा हैं, ये किसी व्यक्ति या राजनीतिक दल की नहीं हैं कि इन्हें बंद कर दिया जाएगा। यही बात सौरव भारद्वाज भी कह रहे हैं। अब सवाल यह है कि जब `आप’ और भाजपा दोनों ही सब्सिडी बंद करने के पक्ष में नहीं हैं तो फिर यह अफवाह कौन पैâला रहा है? आखिर किसे इस तरह की अफवाह पैâला कर फायदा होगा? अब यह जांच का विषय है।
मजबूत मुकाबले के संकेत
हिमाचल का मंडी संसदीय लोकसभा क्षेत्र कंगना रनौत के भाजपा उम्मीदवार बनने के बाद से सुर्खियों में है। कंगना एक फिल्म अभिनेत्री हैं, ऐसे में उनका ग्लैमर मतदाताओं के बीच तो है ही। कंगना पहले से ही अपने विवादित बोलों के कारण सुर्खियों में रहती आई हैं इसलिए जब भाजपा ने उन्हें उम्मीदवार घोषित किया तो मीडिया का फोकस मंडी की तरफ हो गया। उधर, कांग्रेस की तरफ से कोई दमदार उम्मीदवार के न आने से ऐसा लग रहा था मानो कंगना एकतरफा मुकाबले में जीत जाएंगी। हालांकि, पहले वहां से पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह के चुनाव लड़ने की खबरें आई थीं, पर प्रतिभा सिंह ने चुनाव लड़ने से मना कर दिया। अब कांग्रेस से उनके पुत्र विक्रमादित्य सिंह को उम्मीदवार बनाए जाने की खबर है। हालांकि, अभी उनके नाम की अधिकृत घोषणा नहीं हुई है, पर प्रतिभा सिंह का कहना है कि उनके नाम पर सहमति बन गई है। यह तो सभी जानते हैं कि मंडी में सिंह परिवार का अच्छा-खासा दबदबा है। विक्रमादित्य सिंह के मैदान में आ जाने से अब यह चुनाव एकतरफा नहीं रह जाएगा। विक्रमादित्य फिलहाल वहां के मंत्री हैं। वहां पर वीरभद्र सिंह परिवार के अपने वोट बैंक के साथ ही कांग्रेस का भी परंपरागत वोट है। अब विक्रमादित्य ने भी संकेत दे दिया है कि वे इस चुनाव को बड़ी ही मजबूती से लड़ेंगे। जाहिर सी बात है उनके ताल ठोंक देने के बाद कंगना का सिर दर्द बढ़ जाएगा और जीत की राह आसान नहीं होगी। कंगना भी जिस तरह से लूज टॉक कर रही हैं, उससे हो सकता है कि मंडी की जनता कहीं उन्हें चारों खाने चित न कर दे।

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