सामना संवाददाता / नागपुर
राज्य में शीतकालीन विधानमंडल का शीतसत्र शनिवार को समाप्त हुआ, लेकिन इस सत्र के दौरान राज्य की महायुति सरकार ने आम जनता को किसी भी प्रकार से न्याय नहीं दिया है। राज्य में भ्रष्टाचार और अपराध को संरक्षण खुलेआम मिला है। महायुति सरकार किसानों, महिलाओं, बेरोजगारों को न्याय देने में असफल साबित हुई है। ऐसी जोरदार टिप्पणी विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे ने की।
सत्र समाप्त होने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए दानवे ने कहा कि यह अधिवेशन नागपुर में होने के बावजूद सरकार ने विदर्भ की जनता को मदद से वंचित रखने का काम किया है।
उन्होंने कहा कि एसटी बस खरीद में भ्रष्टाचार, नकली दवाइयों का बाजार, राज्य की बिगड़ी कानून व्यवस्था, महिलाओं की सुरक्षा, किसानों के मुद्दे जैसे विषयों पर महाविकास आघाडी के विधायकों द्वारा दोनों सदनों में सरकार को कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ा। फिर भी इस निर्लज्ज सरकार को कोई फर्क नहीं पड़ा है। दानवे ने कहा कि महाविकास आघाड़ी जनता को न्याय दिलाने के लिए सतत प्रयास जारी रखेगी। सरकार ने इस सत्र में भले न्याय नहीं दिया है, लेकिन जनता के सहयोग से विपक्ष जनता के मुद्दों के लिए सड़कों पर उतरकर आंदोलन करेगा।
उन्होंने कहा कि बीड के सरपंच संतोष देशमुख की हत्या मामले में मुख्य आरोपी वाल्मिक कराड अब भी फरार है। परभणी के युवक सोमनाथ सूर्यवंशी की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में यह सामने आया है कि उसकी मौत शारीरिक यातना से हुई है, लेकिन अभी तक इस मामले में किसी पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
दानवे ने यह भी कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर का अपमान किया, लेकिन इस पर माफी मांगने की बजाय भाजपा के नेता विपक्ष पर आरोप लगाते रहे, जिससे आंबेडकर के प्रति उनकी असली मानसिकता साफ हो गई है। मराठवाड़ा के लिए सिंचाई परियोजनाओं का एलान तो किया गया, लेकिन इसके लिए कोई फंड नहीं दिया गया।