-ठेके में दस परसेंट कमीशन न देने पर फर्जी केस कराने के विधायक पर आरोप
-पार्टी के कद्दावर नेता के आरोपों से भाजपा की रीति-नीति भी हुई छलनी
-सुलतानपुर भाजपा स्तब्ध…छाया सन्नाटा
-भाजपा के कद्दावर नेता हनुमान सिंह के भतीजे व पूर्व मंडल अध्यक्ष स्व. सियाराम सिंह के पुत्र प्रशांत शेखर सिंह की विस्फोटक प्रेस कॉन्फ्रेंस
विक्रम सिंह / सुलतानपुर
यूपी में सीएम योगी आदित्यनाथ एकतरफ भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस का दावा करते हैं, वहीं अयोध्या परिक्षेत्र के सुलतानपुर जिले में सत्ता का दुरुपयोग कर सरकारी निर्माण कार्यों के करोड़ों के प्रोजेक्ट में भ्रष्टाचार के दीमक लगने का बड़ा मामला सामने आया है। सत्ताधारी भाजपा के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने अपनी ही पार्टी से चुने गए विधायक पर विस्फोटक आरोपों की बौछार कर दी है। लंभुआ के भाजपा एमएलए सीताराम वर्मा सवालों के कठघरे में हैं, जबकि पार्टी के एक कद्दावर नेता के भतीजे व पूर्व मंडल अध्यक्ष के पुत्र ने सीधा आरोप मढ़ा है कि विधायक ठेकेदारी के लिए कार्य हासिल करने के लिए टेंडर डालने के पहले ही ठेकेदारों से १० प्रतिशत कमीशन मांग रहे हैं। ऐसा न करने पर दबाव बनाने के लिए ठेकेदारी करने वाले कार्यकर्ताओं पर वे अपने गुर्गों से फर्जी मुकदमे दर्ज करवा दे रहे हैं।
वाकया यूं है। बसपा काल में सुलतानपुर जिला पंचायत अध्यक्ष रहे सीताराम वर्मा सन २०१७ में पलटी मार भाजपा का सिंबल लेकर विधायक हो गए। पहले सदर और अब वे लंभुआ विस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। इधर कुछ माह से उन पर सरकारी निर्माण कार्यों में अपने सजातीय ठेकेदारों को बढ़ावा देने के आरोप दबी जुबान पार्टी कार्यकर्ता लगाते रहे, लेकिन फिलहाल मामले ने तूल पकड़ लिया है। शुक्रवार को जिले के कद्दावर भाजपा नेता व प्रदेश परिषद सदस्य रह चुके हनुमान सिंह के भतीजे और कमैचा के पूर्व भाजपा मंडल अध्यक्ष स्व. सियाराम सिंह के पुत्र शशांक शेखर सिंह निखिल सहित दो लोगों पर विधायक समर्थक एक व्यक्ति को सरेराह मारने-पीटने व धमकाने की एफआईआर देहात कोतवाली में दर्ज कराए जाने का मामला प्रकाश में आया, जिसके बाद भाजपा खेमे में हलचल मच गई।
भाजपा नेता स्व. सियाराम सिंह के बेटे प्रशांत शेखर अखिल प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाकर मीडिया के सामने मुखर हो उठे। उन्होंने अपने भाई निखिल पर दर्ज केस को बेबुनियाद बताते हुए एमएलए वर्मा पर आरोपों की बौछार कर दी। कहा कि इन सब की जड़ एमएलए सीताराम वर्मा हैं। मैं भाजपा परिवार का तबसे सदस्य हूं, जब पार्टी सत्ता में नहीं थी, लेकिन बसपाई पृष्ठभूमि के आयातित बीजेपी विधायक वर्मा अपने करीबी जितेंद्र वर्मा बाजीगर के जरिए ठेकेदारी में दस फीसद कमीशन मांगते हैं। जो सहमत वही कर पाता है ठेकेदारी, अन्यथा मेरी तरह फर्जी केस झेलता है। उन्होंने ओम प्रकाश सिंह तेरएं, शेषमणि मिश्र व पंकज छापर आदि का इस बाबत नाम भी गिनाया। फिलहाल, सिंह ने पुलिस कप्तान को लिखित रूप से पत्र देकर खुद को निर्दोष बताते हुए मामले की सघन जांच कर एक्शन लेने की मांग की है। यह भी कहा कि मैं सीएम योगी के पास भी जाऊंगा, उन्हें बताऊंगा विधायक की सच्चाई! ये लोग पार्टी को समाज में बदनाम कर रहे हैं।
एमएलए ने पल्ला झाड़ा, ठेके के खेल का ‘बाजीगर’ कौन!
एमएलए वर्मा के अत्यंत करीबी हैं जितेंद्र वर्मा, जिनका निकनेम है ‘बाजीगर’। सारे आरोपों के तीर परोक्ष रूप में इन्हीं पर साधे जा रहे। पार्टी के लोग और ठेकेदार इन्हें ही विधायक के ठेका प्रबंधन का मुखिया बता रहे हैं। फिलहाल, विधायक वर्मा ने सारे आरोपों से पल्ला झाड़ लिया है। वे कहते हैं कि सब बेसिरपैर की बातें हैं। मुझे इन सबसे कोई लेना-देना नहीं। स्वहित साधने के लिए सभी बेबुनियाद आरोप लगाए जा रहे हैं। निर्माण कार्य पूरी पारदर्शिता से कराने के लिए संबंधित विभाग दृढ़संकल्पित हैं।