संदेश सावंत / मुंबई
विधानसभा के बजट सत्र में राज्य सरकार ने दावा किया था कि धारावी की एक इंच जमीन अडानी को नहीं दी जाएगी, लेकिन यह दावा खोखला साबित हुआ है। धारावी की सड़कों पर भी अब अडानी का स्वामित्व चल रहा है। सड़कों की मरम्मत के लिए अडानी की अधिकार वाली कंपनी ‘एनएमडीपीएल’ की अनुमति लेनी पड़ रही है। इस तरह की चौंकानेवाली जानकारी सामने आई है।
धारावी पुनर्विकास के नाम पर राज्य सरकार ने धारावी की लगभग ५५० एकड़ जमीन अडानी की झोली में डाल दी है। क्या यह कम था इसलिए मुंबई के अन्य स्थानों पर म्हाडा, एमएमआरडीए और महानगरपालिका के स्वामित्व वाली हजारों एकड़ की कीमती जमीन भी धारावी पुनर्विकास का काम करनेवाली अडानी के स्वामित्व वाली कंपनी नवभारत मेगा डेवलपर्स प्रा. लि. (एनएमडीपीएल) को दे दी गई है। इस कंपनी ने अब इन जमीनों पर अपना अधिकार जताना शुरू कर दिया है। धारावी विधानसभा क्षेत्र में सड़कें खराब होने पर उनकी मरम्मत के लिए ‘एनएमडीपीएल’ कंपनी से अनापत्ति प्रमाणपत्र लेना पड़ रहा है।
धारावी पुनर्विकास का काम सिर्फ अडानी की कंपनी को दिया गया है और पूरी जमीन का स्वामित्व धारावी पुनर्विकास प्राधिकरण (डीआरपी) नामक राज्य सरकार द्वारा स्थापित कंपनी का है। यह दावा राज्य सरकार द्वारा किया जाता है। अगर धारावी का स्वामित्व राज्य सरकार का है तो धारावी की सड़कों की मरम्मत के लिए अडानी के स्वामित्व वाली कंपनी की अनुमति क्यों चाहिए, यह सवाल विधायक डॉ. ज्योति गायकवाड ने उठाया है। सड़क मरम्मत की जिम्मेदारी महानगरपालिका की है, लेकिन इसके लिए अडानी की कंपनी की अनुमति लेनी पड़ती है। क्या धारावी का सात बारा अडानी के नाम कर दिया गया है। इस तरह का सवाल भी धारावी विधानसभा की विधायक डॉ. ज्योति गायकवाड ने उठाया है। उन्होंने कहा कि धारावी पुनर्विकास के नाम पर महानगरपालिका और म्हाडा के अधिकारों पर अतिक्रमण शुरू हो गया है। धारावी की ५० प्रतिशत से अधिक जमीन महानगरपालिका के स्वामित्ववाली है, जबकि कुछ जमीन राज्य सरकार और केंद्र सरकार की है।