-रियासी हमले के हमलावरों की खोज फिलहाल कामयाबी की रोशनी नहीं देख पाई है
सुरेश एस डुग्गर / जम्मू
अमरनाथ यात्रा के शुरू होने से 20 दिन पहले एक यात्री बस पर हुए कथित आतंकी हमले में 10 लोगों की मौत ने सुरक्षाधिकारियों और प्रशासन के पांव तले से जमीन इसलिए खिसका दी है, क्योंकि उन्हें इस बात का अंदाजा भी नहीं था कि आतंकी इस तरह से श्रद्धालुओं को निशाना बना सकते हैं। हालांकि, हमले के एक दिन बद भी हमलावरों की तलाश कामयाबी की रोशनी नहीं देख पाई थी।
रियासी जिले के पौनी में रविवार शाम को श्रद्धालुओं की बस पर आतंकी हमले के बाद राजौरी, पुंछ, कटड़ा के अतिरिक्त अमरनाथ यात्रा मार्ग के संवेदनशील ठिकानों पर भी हाई अलर्ट बरतने को कहा गया है। राजौरी जिले के कालाकोट उपमंडल और बुद्धल तहसील के कई जंगली इलाकों की घेराबंदी कर सुरक्षाबलों ने बड़े पैमाने पर सर्च ऑपरेशन शुरू दिया है, ताकि हमला करने के बाद आतंकी इन जंगलों में पनाह लें तो उन्हें ढेर किया जा सके।
जानकारी के लिए अमरनाथ यात्रा शुरू होने से ठीक 20 दिन पहले रियासी जिले के प्रसिद्ध शिव धाम शिवखोड़ी से दर्शन कर लौट रहे यात्रियों की बस पर घात लगाकर आतंकियों की ओर से किए गए हमले के बाद बस गहरी खाई में जा गिरी। इस घटना में एक बच्चे समेत दस यात्रियों की मौत हो गई, जबकि 33 घायल हो गए।
हमले के बाद शिवखोड़ी धाम की सुरक्षा बढ़ा दी गई। आधार शिविर रनसू से लेकर अन्य इलाके तक सुरक्षा बलों की तैनाती कर दी गई। एसएसपी मोहिता शर्मा ने बताया कि शिवखोड़ी धाम पूरी तरह सुरक्षित है। आम तौर पर वहां हाई अलर्ट रखा जाता है। लगातार इलाके में चेकिंग कर सुरक्षा व्यवस्था जांची जाती है। पूरे क्षेत्र में पेट्रोलिंग भी जारी है। विलेज डिफेंस गार्ड को फायरिंग की प्रैक्टिस कराई जा रही है और उन्हें भी अलर्ट पर रखा गया है।
कटड़ा के साथ लगती सुरक्षा चौकियां जिनमें मुरी चेक पोस्ट, नोमाईं चैक पोस्ट, पेंथल चेक पोस्ट, सेरली चेक पोस्ट, बालिनी चैक पोस्ट आदि पर अतिरिक्त संख्या में पुलिस के साथ सीआरपीएफ 6 बटालियन के जवान तैनात कर दिए गए हैं और हर एक आने जाने वाले वाहन के साथ ही राहगीर की बारीकी से जांच की जा रही है।
पर अब सबसे अधिक चिंता का विषय 20 दिनों के उपरांत आरंभ हो रही अमरनाथ यात्रा के प्रति है जिसमें 8 से 10 लाख श्रद्धालुओं के शामिल होने की उम्मीद है और सबसे बड़ी चिंता यह है कि ये श्रद्धालु वापसी पर वैष्णो देवी और शिवखोड़ी के दर्शनार्थ जरूर जाते हैं। शिवखोड़ी के श्रद्धालुओं पर यूं तो पहली बार हमला हुआ है, लेकिन उसके साथ सटे राजौरी व पुंछ के जिलों में आतंकी हमलों से सुरक्षाबल त्रस्त जरूर हैं।