ठेकेदारों ने सप्लाई रोकी
करोड़ों का भुगतान है बाकी
धीरेंद्र उपाध्याय / मुंबई
वोटों के लिए विभिन्न योजनाओं में रेवड़ी की तरह पैसे बांटनेवाली सरकार का खजाना खाली हो चुका है। अब ‘ईडी’ २.० सरकार के पास जरूरी चीजों के लिए पैसे ही नहीं हैं। इसका सबसे बुरा असर गरीबों पर पड़ा है। मनपा अस्पताल में गरीबों को मुफ्त में दवाएं दी जाती हैं। पर अब वहां दवाएं दी जानी बंद हो गई है। इसका कारण है कि ठेकेदारों ने पिछली दवाओं के पैसे नहीं मिलने के बाद दवाओं की सप्लाई बंद कर दी है। ऐसे में गरीब मरीज भगवान भरोसे हैं।
बता दें कि पिछले चार वर्षों से दवाओं का भुगतान लंबित है। इससे १५० आपूर्तिकर्ताओं ने कल से मुंबई मनपा के सभी अस्पतालों में दवाओं की आपूर्ति बंद कर दी। आपूर्तिकर्ताओं का कहना है कि जब तक मनपा प्रशासन से १२० करोड़ रुपए के बकाए की अदायगी की मंजूरी को लेकर लिखित आश्वासन नहीं मिल जाता, तब तक वे आपूर्ति बंद रखेंगे। इससे यह संभावना जताई जा रही है कि अगले कुछ दिनों में मनपा अस्पतालों की हालत काफी खराब हो जाएगी। इससे इन अस्पतालों में आने वाले गरीब मरीज दवा बिना बेहाल हो जाएंगे।
मनपा अस्पतालों में
दवाओं का स्टॉक घटा!
ऑल फूड एंड ड्रग लाइसेंस होल्डर्स फाउंडेशन के अध्यक्ष अभय पांडेय ने कहा कि संस्था ने फैसला किया है कि भुगतान की मंजूरी के संबंध में प्रशासन से लिखित आश्वासन मिलने तक यह आपूर्ति बंद रहेगी।
मनपा के अस्पतालों में दवाओं का स्टॉक तेजी से घट रहा है। पिछले कई भुगतान न होने के बाद आपूर्तिकर्ताओं ने दवाओं की आपूर्ति रोक दी है। ऐसे में केईएम, नायर, कूपर और सायन मेडिकल कॉलेजों के साथ-साथ उपनगरीय अस्पतालों में दवाओं का स्टॉक बहुत कम बचा है, जो केवल कुछ दिन ही चलेगा।
दवा आपूर्तिकर्ताओं द्वारा बकाए के भुगतान को लेकर मनपा के साथ बार-बार फॉलो-अप करने के बाद भी वह इसकी अनदेखी करती रही है। परिणामस्वरूप १५० आपूर्तिकर्ताओं ने मनपा को दवाइयों की आपूर्ति बंद करने का निर्णय लिया है।
मनपा आयुक्त ने दिया आश्वासन
ऑल फूड एंड ड्रग लाइसेंस होल्डर्स फाउंडेशन के अध्यक्ष अभय पांडेय ने संभावना जताई है कि यदि मनपा प्रशासन ने तत्काल भुगतान को मंजूरी नहीं दी तो अस्पतालों में दवाओं की कमी हो जाएगी। उन्होंने कहा है कि आपूर्तिकर्ताओं द्वारा दवाइयों की आपूर्ति बंद करने के निर्णय के बाद मनपा आयुक्त व प्रशासक भूषण गगरानी ने सोमवार को वितरकों को आश्वासन दिया कि बकाए की अदायगी को तत्काल मंजूरी देकर उसका एक सप्ताह के भीतर भुगतान कर दिया जाएगा। हालांकि, हमने पैâसला किया है कि भुगतान की मंजूरी के संबंध में प्रशासन से लिखित आश्वासन मिलने तक यह आपूर्ति बंद रहेगी।
चार साल पहले समझौता समाप्त
मुंबई मनपा के मेडिकल कॉलेजों और उपनगरीय अस्पतालों को दवाइयों की आपूर्ति के लिए आवश्यक मूल्य समझौता पत्र चार साल पहले समाप्त हो गया था। चूंकि मनपा ने नया मूल्य समझौता पत्र तैयार नहीं किया है, इसलिए दवा आपूर्तिकर्ता प्रशासन के अनुरोध के अनुसार, ही दवाओं की आपूर्ति कर रहे थे। की नौबत आ गई है।
रु. १२० करोड़ है बकाया
अस्पतालों में स्थानीय स्तर पर दवाएं खरीदी जा रही थीं। इस तरह से विभिन्न माध्यमों से खरीदी गई दवाओं का १२० करोड़ रुपए से अधिक का भुगतान लंबित है। इसमें लंबित भुगतान, दवा की आपूर्ति से पहले आवश्यक अग्रिम भुगतान और सतर्कता विभाग को दी गई राशि भी शामिल है।
आर्थिक संकट में आपूर्तिकर्ता
मनपा द्वारा १२० करोड़ रुपए से अधिक राशि बकाया किए जाने से आपूर्तिकर्ताओं के सामने आर्थिक संकट गहरा गया है। आलम यह है कि कई आपूर्तिकर्ता अपने कर्मचारियों को वेतन तक नहीं दे पा रहे हैं। इसके साथ ही उन्हें नई दवाइयां खरीदने में कठिनाई हो रही है। परिस्थिति यहां तक पहुंच गई है कि आपूर्तिकर्ताओं के सामने व्यवसाय बंद करने तक की नौबत आ गई है।