अनिल मिश्रा / बदलापुर
महाराष्ट्र में महायुति को बहुमत की सरकार बनाने में महिलाओं का बड़ा योगदान भले ही मिला हो, परंतु लाडली बहनों के स्वास्थ्य को लेकर सरकार जागरूक नहीं है। उनके साथ नाइंसाफ़ी शुरू है। अस्पताल में असुविधा दूर होकर सुविधा बढे, इसका लाडली बहनों को इंतजार है। लाडली बहनों की परेशानी की मिशाल बदलापुर के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में देखा गया। बदलापुर में सीमेंट की सड़कों को विकास का रूपी सपना तो दिखाया जा रहा है। वहीं पर महिलाओं (लाडली बहनों) के स्वास्थ्य सेवा के प्रति सरकार का रवैय्या बरोबर नहीं है। बदलापुर के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्ग की स्थिति राम भरोसे चल रही है। गर्भवती महिलाओं के वैद्यकीय सेवा से लेकर परीक्षण तक बराबर नहीं मिल रही है, जिसके कारण गर्भवती महिलाओं को काफी यातना भोगनी पड़ रही है। इस बात से खिन्न होकर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) के प्रदेश महासचिव अविनाश देशमुख ने सरकार का निषेध करते हुए दो डॉक्टर को पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ जाकर गद्दा भेंट किए।
देशमुख ने बताया कि बदलापुर शहर के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की परिस्थिति खराब है। केंद्ग में आने वाली गर्भवती महिलाओं को सोनोग्राफी के लिए निजी परिक्षण केंद्र में भेजा जाता है, जबकि बदलापुर ग्रामीण अस्पताल में सोनोग्राफी की सुविधा है। वांगनी के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में दस महीने में 108 प्रसूति की गईं। वहीं बदलापुर के केंद्र में 7 प्रसूति की गईं। 25 महिलाओं को बदलापुर ग्रामीण अस्पताल में ट्रांसफर किया गया। बदलापुर गांव के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के बारे में आगे बताया गया कि सरकार सड़क को लेकर जितना जागरूक है, उतना लोगों के स्वास्थ्य को लेकर नहीं है। दवा मिलती भी होगी कि नहीं संदेह हो रहा है? केंद्र पर साढ़े नौ लाख रुपए पानी बिल बकाया है। इमारत की हालत जर्जर हो रही है। देख कर नहीं लगता कि स्वास्थ्य जैसे महत्वपूर्ण विभाग की इमारत है। बिजली भी कभी भी गुल हो जाती है। ऐसे समय में केंद्र की क्या दशा होती होगी? राज्य सरकार के अन्य अस्पतालों की तरफ से बदलापुर के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की दशा कुछ अलग नहीं है। ऐसा आरोप देशमुख ने लगाया। व्यवस्था से खिन्न होकर काम के बदले आराम करें। इसके लिए दो डॉक्टर को गद्दा भेंट देकर अजीबोगरीब तरह का आंदोलन कर सोई हुई महायुति सरकार को जगाने का प्रयास तरह-तरह के आंदोलन के मार्फत कर रहे हैं।