मनोज श्रीवास्तव / लखनऊ
अपनी सरकार में हुई भ्रष्टाचार पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़ा एक्शन लिया है। राजधानी लखनऊ के जिलाधिकारी रहे अभिषेक प्रकाश का निलंबित कर दिया गया है। अभिषेक प्रकाश के खिलाफ लखनऊ डिफेंस एक्सपो जमीन घोटाले में भ्रष्टाचार और फर्जी दस्तावेजों से मुआवजा देने के आरोप सामने आए थे। भटगांव में डिफेंस कॉरिडोर के लिए जमीन अधिग्रहण में मुआवजे के नाम पर अनियमितताओं का आरोप लगा था। अभिषेक फिलहाल इनवेस्ट यूपी के सीईओ हैं। आरोप है कि सोलर इंडस्ट्री लगाने के लिए एक उद्यमी ने इंवेस्ट यूपी में आवेदन किया था। इसके बाद एक जैन नामक बिचौलिए ने उद्यमी से कमीशन मांगा। इसके बाद उद्यमी ने मामले की शिकायत पुलिस से की। मामले को गंभीर मानते हुए एसटीएफ के हवाले कर दिया गया था। इसी में जांच रिपोर्ट मिलने पर अभिषेक को निलंबित किया गया है। पुलिस ने वसूली करने वाले जैन को भी गिरफ्तार कर लिया है।
इससे पहले अभिषेक पर डिफेंस कॉरिडोर में भूमि अधिग्रहण के मुआवजे में धांधली का आरोप लगा था। उसकी भी जांच हो रही है। लखनऊ के सरोजिनीनगर तहसील के भटगांव क्षेत्र में जमीन का अधिग्रहण इसी परियोजना का हिस्सा था। अधिग्रहण और मुआवजे में घोटाले का आरोप लगने पर हुई जांच में पता चला कि 20 करोड़ रुपये का मुआवजा अधिकारियों ने अवैध तरीके से हासिक किया था। सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार, यह मुआवजा उन किसानों और जमीन मालिकों को दिया जाना था, जिनकी भूमि अधिग्रहित की गई थी, लेकिन इसकी जगह अफसरों ने गड़बड़ी करके खुद मुआवजे की रकम उठा ली। इसी मुआवजे को लेकर लखनऊ के तत्कालीन डीएम अभिषेक प्रकाश की भूमिका पर सवाल उठे। कहा गया कि उन्होंने इस पूरी प्रक्रिया के दौरान अधिकारियों की मिलीभगत को नजरअंदाज किया। जांच में सामने आया कि उनके करीबी अधिकारी, तहसीलदार और कानूनगो इस घोटाले में प्रमुख भूमिका निभा रहे थे। सरोजिनीनगर के कानूनगो पर आरोप है कि उसने इस पूरी साजिश को अंजाम दिया और मुआवजे की राशि हड़प ली।
राजस्व परिषद के चेयरमैन की अगुवाई में इस मामले की जांच की गई। इसमें पाया गया कि जमीन के अधिग्रहण में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं हुईं। पता चला कि मुआवजे की रकम उन जमीनों पर दी गई, जो पहले से ही पट्टे पर थीं और जिन्हें कानूनी रूप से मुआवजा नहीं मिलना चाहिए था। अभिषेक प्रकाश की जिम्मेदारी थी कि वह इस पूरी प्रक्रिया की निगरानी करते, लेकिन उन्होंने अनदेखी की या फिर जानबूझकर इस भ्रष्टाचार में संलिप्त रहे।