•भाजपा विधायक ने सुनाया सिटी कोतवाल को फरमान- भूमाफिया नेटवर्क क्रैश कर प्रत्येक संदिग्ध को करिये अरेस्ट
•आप सांसद संजय सिंह व सपा प्रवक्ता अनूप संडा ने उठाए गंभीर सवाल
•नरेश माहेश्वरी सुसाइड केस से सुल्तानपुर शहर स्तब्ध
विक्रम सिंह/सुल्तानपुर
यूपी के सुल्तानपुर में भूमाफियाओं के ‘अंडरवर्ल्ड’ के झांसे में आकर करीब साढ़े छह करोड़ रुपये गंवाकर खुदकुशी को मजबूर होने वाले युवा व्यवसायी नरेश माहेश्वरी सुसाइड केस ने शहरवासियों को स्तब्ध कर दिया है। आठ दिन बीत चुके हैं। पुलिस एक भी आरोपी को नहीं पकड़ सकी है। पक्ष-विपक्ष समेत सभी राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों ने पुलिस-प्रशासन से शहर में फैल रहे भूमाफियाओं के नेक्सस को ध्वस्त कर आरोपियों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की मांग की है।
बता दें कि सुल्तानपुर शहर के दरियापुर स्थित स्नेहश्री अपार्टमेंट के निवासी युवा व्यवसायी नरेश माहेश्वरी करीब ढाई वर्षों से सुल्तानपुर के चौक इलाके से संचालित किए जा रहे भूमाफियाओं के ‘अंडरवर्ल्ड’ के झांसे में आकर करीब साढ़े छह करोड़ रुपये इस नेटवर्क के एक ‘हैंडलर’ टिक्कू टोपी को निवेश के लिये दे दिए थे। उसे इस नेटवर्क से मात्र कुछ माह में मूल रकम से कई गुना ज्यादा पैसा लौटाने का वादा था। इसी लालच में नरेश ने अपने रिश्तेदारों-दोस्तों व ब्याज का रुपये बांटने का अवैध कारोबार करने वालों से उधार में पैसे भी ले लिये थे। लेकिन ढाई साल बीत गए, एक धेला भी भूमाफ़ियायों ने उसे वापस नहीं किया। नतीजतन मजबूर होकर गत ४ मार्च को ‘सुसाइड नोट’ लिखकर युवा व्यवसायी ने ट्रेन से कटकर जान दे दी। सुसाइड नोट के आधार पर भूमाफिया हैंडलर टिक्कू टोपी सहित पांच लोगों पर नगर पुलिस ने केस दर्ज किया। लेकिन इस घटना से भूमाफ़ियाओं के शहर में फैले जाल को बेपर्दा कर दिया। आप प्रवक्ता सांसद संजय सिंह, सपा राष्ट्रीय प्रवक्ता अनूप संडा, भाजपा एमएलए विनोद सिंह, एमएलसी शैलेन्द्र प्रताप सिंह के पुत्र डिंपल सिंह, बीजेपी नेता रूपेश सिंह आदि अनेक दलों के नेताओं ने पुलिस को घटना को अत्यंत गम्भीर बताते हुए पुलिस से ठोस एक्शन लेने की मांग की। गोमती मित्र मंडल, गौरक्षा वाहिनी व समस्त व्यापारिक-सामाजिक संगठन भी आंदोलित हो उठे। सोमवार की शाम पूर्व मंत्री व शहर विधायक विनोद सिंह ने शहर कोतवाल नारदमुनि से साफ शब्दों में कहा कि , भूमाफ़ियायों का पूरा नेक्सस ध्वस्त करिये। सभी अभियुक्तों को अरेस्ट करिये। जिससे दुबारा कोई व्यक्ति नरेश जैसा कदम उठाने को मजबूर न हो सके।