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हत्या कर फरार शातिर अपराधी 17 साल बाद पुलिस की गिरफ्त में…सौतेली मां, दो बहनों-भाई सहित वसई में मित्र की हत्या के मामले में था वांछित

सामना संवाददाता / वसई

मीरा-भयंदर, वसई-विरार पुलिस आयुक्तालय अंतर्गत अपराध शाखा परिमण्डल-2 ने ऐसे एक शातिर अपराधी को गिरफ्तार किया है, जिसने 2002 में पश्चिम बंगाल में अपनी सौतेली मां, दो बहनों और एक मासूम भाई की हत्या के अलावा 2008 में वसई में अपने साथी की हत्या कर फरार हो गया था। अपराध शाखा ने कर्नाटक पुलिस की मदद से उसे प्लंबर का काम दिलाने का जाल बिछाया और बहाने से गिरफ्त मे ले लिया। उक्त कार्रवाई डीसीपी अविनाश अंबुरे, एसीपी मदन बल्लाल के मार्ग दर्शन में सीनियर पीआई समीर आहिरराव व सहायक पुलिस निरीक्षक सोपान पाटील पुलिस हवालदार सचिन पाटील, जगदीश गोवारी व अन्य दल द्वारा की गई। एसीपी बल्लाल के अनुसार, वसई-पूर्व वालीव स्थित नाईक पाडा, शिव भीमनगर निवासी मनोज राजबिहारी साह (25) व राजू उर्फ अक्षय विजय शुक्ला (40) चिंचपाडा स्थित एक कंपनी में काम करते थे। दोनों के बीच घर की दीवार की जगह को लेकर अक्सर विवाद होता रहता था। 27 मार्च, 2008 की रात राजू ने रस्सी से मनोज की गला घोंटकर हत्या कर दी और सूरत भाग गया। माणिकपुर पुलिस स्टेशन में 28 मार्च को हत्या का मामला दर्ज किया गया, लेकिन आरोपी नहीं पकड़ा गया। चार साल सूरत में रहने के बाद आरोपी कर्नाटक भाग गया। 17 साल के बाद क्राइम ब्रांच को टिप मिली कि आरोपी अपने मूल गांव बिहार स्थित छपरा के खलपुरा बाला गांव में है। वहां पुलिस को पता चला कि आरोपी कर्नाटक के बंगलुरु में प्लंबर का काम करता है, फिर पुलिस ने जाल बिछाकर उसे गिरफ्तार कर लिया।

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