सामना संवाददाता / मुंबई
पिंपरी-चिंचवड़ की पावना नदी में बढ़ते प्रदूषण ने स्थानीय निवासियों की चिंता बढ़ा दी है। केजुदेवी बांध के पास नदी में जहरीला झाग पैâलने की खबर मीडिया में आने के बाद महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एमपीसीबी) ने जांच के लिए पानी के नमूने इकट्ठा किए हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, एमपीसीबी के डिप्टी रीजनल ऑफिसर जाधव ने बताया कि सैंपल जांच के लिए लैब भेज दिए गए हैं और रिपोर्ट एक हफ्ते में आने की उम्मीद है।
नदी में प्रदूषण से बढ़ा खतरा
नदी में पैâला झाग और हरे रंग का पानी साफ दिख रहा है कि जलस्तर में भारी मात्रा में रसायन मौजूद हैं। कुछ महीने पहले यहां मछलियों की मौत हुई थी, जिसका कारण उर्वरकों का पानी में मिलना बताया गया था। मनपा की सफाई मुहिम और वादों के बावजूद प्रदूषण लगातार बढ़ रहा है।
पीने के पानी पर गहराया संकट
निवासियों ने चिंता जताई है कि यह जहरीला पानी उनके पीने के पानी को दूषित कर सकता है, क्योंकि केजुदेवी बांध से महज २.५ किमी दूर रावत पंपिंग स्टेशन है। नागरिकों का कहना है कि मनपा पानी शुद्ध करने के लिए कितना क्लोरीन मिला रहा है, इसकी भी कोई जानकारी नहीं दी जा रही।
विरोध प्रदर्शन की तैयारी
थेरगांव सोशल फाउंडेशन के अनिल घोड़ेकर ने कहा कि मनपा के सीवेज और उद्योगों से बहने वाले अनुपचारित गंदे पानी के कारण पावना नदी अब गंदे नाले में बदल चुकी है। स्थानीय लोग जल्द ही मानव श्रृंखला बनाकर प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे और नदी को साफ करने की मांग करेंगे।