नए मोड़ पर आया मौसम।
मौसम को गरमाया मौसम।।
अपना अपना गाना गाकर।
दुनिया को समझाया मौसम।।
देशभक्ति के आगे पीछे।
भारी जोर लगाया मौसम।।
और फायदा वाले घर में।
घुसकर प्यार दिखाया मौसम।।
संरक्षण का नाम ले लिया।।
भारी लाभ कमाया मौसम।
करवट लेते भूमंडल को।
अच्छा सबक सिखाया मौसम।।
जिनको जिनको दोस्त कह दिया।
उनसे माल कमाया मौसम।।
जहां गया बस उसी जगह पर।
झंझावात बुलाया मौसम।।
अमर कर दिया नासमझी को।
भारी भ्रम फैलाया मौसम।।
जहां लाभ है वहीं पहुंचकर।
माया जाल बिछाया मौसम।।
हमको तो विपरीत दिशा में।
सुबह शाम दौड़ाया मौसम।।
नैतिकता की आंख फोड़कर।
सर्कस खूब दिखाया मौसम।।
अपना उल्लू सीधा करके।
चमक दमक दिखलाया मौसम।।
आंखों में ही धूल झोंककर।
अपना रंग जमाया मौसम।।
मानवता को आंख दिखाकर।
करतब खूब दिखाया मौसम।।
नए मोड़ पर आया मौसम।
मौसम को गरमाया मौसम।।
-अन्वेषी