सामना संवाददाता / मुंबई
समुद्री पर्यटन और यात्रियों के लिए बेहद अहम मोरा-भाऊचा धक्का सेवा अभी तक सुचारु रूप से नहीं शुरू हो पाई है। इस बारे में चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है कि पिछले दो साल से किनारे की मिट्टी और गाद नहीं हटाई गई है, जिसके बाद काम रुका हुआ है। बता दें कि साल २०२२ में चार करोड़ रुपए खर्च कर गाद और मिट्टी हटाई गई थी, लेकिन आज की स्थिति पहले की तरह ‘ज्यों की त्यों’ हो गई है। लोगों का कहना है कि थूक पट्टी वाला काम किया गया था, किनारे से गाद और मिट्टी हटाने के बाद वह फिर से जमा हो गई। करोड़ों रुपए पानी में चले गए। रिपोर्ट के अनुसार, मिट्टी और गाद नहीं हटाने के कारण इसका असर सेवा पर पड़ रहा है। जब समुद्र का पानी कम होता है तो मिट्टी और गाद की वजह से नाव किनारे तक नहीं आ पाती है। एहतियात के तौर पर सेवा को कम कर दिया जाता है। जिसका असर रोजाना यहां से काम पर आने-जाने वाले यात्रियों पर पड़ता है। गाद जमा होने के कारण यात्री नावें मोरा बंदरगाह में फंस जाती हैं।