सामना संवाददाता / मुंबई
लोकसभा चुनाव २०२४ में हिमाचल प्रदेश की मंडी सीट भाजपा उम्मीदवार यानी बॉलीवुड की कॉन्ट्रोवर्सी क्वीन कंगना रनौत का `ग्यान’ और `मोदी गुणगान’ मतदाताओं को विशेष कर युवा वर्ग को रास नहीं आ रहा। अधिकतर युवाओं का यही मानना है कि हिंदुस्थान की राजनीति का कल्याण करने के लिए ऐसी वैंâडिडेट की कोई जरूरत नहीं और वे कंगना को वोट नहीं देना चाहते। इतना ही नहीं, भाजपा का प्रबुद्ध वर्ग और हिमाचल के पुराने भाजपाई भी कंगना की एंट्री से नाराज हैं।
कुछ दिन पहले कंगना का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वह सुभाष चंद्र बोस को देश का पहला प्रधानमंत्री बता रही हैं। जिसे लेकर विपक्षी नेता और तमाम लोगों ने उन्हें जमकर ट्रोल किया। एक्टर प्रकाश राज ने भी कंगना के इस बयान पर उनका और भारतीय जनता पार्टी का मजाक उड़ाया है।
वीडियो टाइम्स नाउ समिट का है, जिसमें कंगना कह रही हैं, `पहले मुझे आज ये बात क्लियर करने दीजिए, जब हमें आजादी मिली, तो जो भारत के पहले प्रधानमंत्री थे सुभाष चंद्र बोस, वो कहां गए।’ इसके बाद एंकर ने उन्हें टोका कि वो तो प्राइम मिनिस्टर नहीं थे। कहती हैं कि सरदार वल्लभभाई पटेल को प्राइम मिनिस्टर इसलिए नहीं बनाया गया अंग्रेजी नहीं आती थी। उस वक्त एक्टर प्रकाश राज ने भी वीडियो शेयर करते हुए लिखा है, `सुप्रीम जोकर पार्टी की जोकर कितना अपमान है।’ प्रकाश राज की पोस्ट पर तमाम लोग कमेंट्स करते रहे और कंगना की खिल्ली उड़ाते रहे। आज भी लोगों का सवाल है कि किस ज्ञान के साथ कंगना चुनाव लड़ने जा रही हैं? वहीं कुछ पूछ रहे हैं कि कंगना कौन से स्कूल से पढ़ी हैं?
हाल ही में कंगना ने कहा था कि देश को असली आजादी साल २०१४ में मिली, जब नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बने। अपने प्रचार के दौरान कंगना ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भगवान का अंश भी बताया। उनके इस अनन्य अंधभक्ति को देखते हुए भी मतदाताओं में उनके प्रति उपहास का भाव बढ़ता जा रहा है। इंडिया वांट केजरीवाल नमक सोशल प्लेटफॉर्म पर वायरल हो रहे वीडियो क्लिपिंग से एक बात साफ होती है कि आज का युवा कंगना को वोट नहीं देना चाहता। वीडियो में एक युवती कहती है, `जो हिंदुस्थान के पहले प्रधानमंत्री का नाम नहीं जानती वह आने वाली पीढ़ी को क्या सिखाएगी… बताएगी? तो मेरे हिसाब से मैं उसे वोट नहीं दूंगी…। एक दूसरा युवक कहता है, `क्या इतने बुरे दिन आ गए? भाई अच्छे दिन आने वाले थे यह क्या है…?’ एक युवती कहती है, `कंगना को वोट देकर देश का `कल्याण’ नहीं करना है…। दरअसल, एक मीडिया हाउस ने युवा वर्ग से एक सवाल किया था कि क्या वे कंगना को वोट देंगे? युवा वर्ग द्वारा दिए गए जवानों का लब्बोलुआब यही है कि युवा वर्ग कंगना को वोट नहीं देना चाहता!