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…तो मेरे स्वागत में कुत्ता भी नहीं आता! … गडकरी ने एक बार फिर साधा ‘नई भाजपा’ पर निशाना 

सामना संवाददाता / मुंबई
अपने बेबाक बोल के लिए जाने जाने वाले केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने ठाणे में एक कार्यक्रम के दौरान राजनीतिक नेताओं के बढ़ते दिखावे की प्रवृत्ति पर कटाक्ष किया। उन्होंने कहा कि जब मेरे पास मंत्री पद नहीं था तो कुत्ता भी मेरे स्वागत के लिए नहीं आता था। केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि जब मंत्री पद नहीं रहेगा तब भी मेरे स्वागत में लोग शायद ही आएंगे। उनका यह बयान एक दिन पहले नागपुर में हुए पीएम मोदी के कार्यक्रम के बाद आया है, जहां गडकरी को बोलने का मौका भी नहीं दिया गया था।

पीएम भी घबराते हैं
राजनीतिक हलकों में चर्चाएं होती रहती हैं कि उनके इसी अंदाज को देखते हुए खुद पीएम मोदी भी घबराते हैं। यही वजह थी कि रविवार को नागपुर के एक कार्यक्रम में गडकरी को बोलने का मौका नहीं दिया गया। अब जब सोमवार को ठाणे में एक कार्यक्रम में गडकरी को बोलने का मौका मिला तो उन्होंने दिखावे की राजनीति पर जमकर हमला बोला।

गडकरी को पसंद नहीं पोस्टर!
कभी एक रुपया भी नहीं किया खर्च

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी अपने बेबाक बयानों के लिए मशहूर हैं। उनकी बातों का असर दूर तक होता है। अब उन्होंने नेताओं के स्वागत में लगाए जानेवाले बैनर- पोस्टरों पर निशाना साधा है। ठाणे के एक कार्यक्रम में गडकरी ने कहा कि मैंने अपने जीवन में कभी पोस्टर लगवाने पर एक रुपया भी खर्च नहीं किया और न ही कभी करूंगा। हाल ही में नागपुर में पीएम मोदी के लिए ढेर सारे स्वागत के पोस्टर लगे थे। माना जा रहा है कि गडकरी का इशारा उधर ही था।
कार्यक्रम में आगे बोलते हुए गडकरी ने कहा कि मेरे स्वागत के लिए कोई कुत्ता भी नहीं आता था, लेकिन अब ‘जेड प्लस सुरक्षा’ होने के कारण कुत्ता आने लगा है। आजकल छोटे-छोटे राजनीतिक पद मिलने पर लोग खुद को ‘साहब’ समझने लगते हैं और होर्डिंग्स लगवाते हैं। बड़े की तो बात ही छोड़िए। सूत्रों की मानें तो उनका यह इशारा पीएम मोदी के आगमन पर नागपुर में लगे जमकर पोस्टर पर था। गडकरी ने आगे कहा कि आज के दौर में किसी को अस्थायी राजनीतिक पद भी मिल जाए तो वे खुद को बड़ा साहब समझने लगते हैं।
ठाणे के डॉ. काशिनाथ घाणेकर नाट्यगृह में एक सत्कार समारोह में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, वरिष्ठ परमाणु वैज्ञानिक डॉ. अनिल काकोडकर और विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिष्ठित लोग उपस्थित थे। इस दौरान गडकरी ने अपने एक अनुभव को साझा करते हुए कहा कि जब उनका एक्सीडेंट हुआ था, तो दिवंगत उद्योगपति रतन टाटा उनसे मिलने आने वाले थे, लेकिन उन्हें उनके निवास का पता नहीं मिल रहा था, इसलिए उन्होंने गडकरी से संपर्क किया। जब गडकरी ने टाटा से उनके ड्राइवर को फोन देने के लिए कहा, तो रतन टाटा ने जवाब दिया कि वे खुद गाड़ी चला रहे हैं।

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