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बहुतेरे हैं जम्मू-कश्मीर में हैट्रिक बनाने वाले संसदीय चुनावों में

सुरेश एस डुग्गर / जम्मू

वर्ष 2004 में मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला पहले ऐसे युवा नेकांई बने थे, जिन्होंने संसदीय चुनाव में हैटट्रिक बनाई थी। अब्दुल्ला खानदान के वे पहले सदस्य भी थे हैट्रिक बनाने वाले। हालांकि, उनकी दादी अगर दो बार संसदीय चुनाव जीत पाई थी तो अब्बू डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने हैट्रिक बनाई थी। वैसे उमर अब्दुल्ला अकेले ऐसे नेता नहीं हैं, जिन्होंने जम्मू- कश्मीर में हैट्रिक बनाई हो, बल्कि 6 अन्य नेता भी संसदीय चुनावों में हैट्रिक बना चुके हैं।
उमर अब्दुल्ला ने पहला संसदीय चुनाव 1998 में लड़ा था। उन्होंने श्रीनगर की खानदानी सीट से किस्मत आजमाई थी, फिर जब 1999 के चुनाव में पुनः इसी संसदीय क्षेत्र से मैदान में उतरे थे तो यही कहा जाने लगा था कि वे शायद ही जीत पाएं। कारण स्पष्ट था कि श्रीनगर संसदीय क्षेत्र के प्रति यही कहा जाता रहा है कि उसने कभी किसी सांसद को दूसरी बार संसद में नहीं भिजवाया था। यही कारण था कि श्रीनगर संसदीय क्षेत्र से 1977 में उमर की दादी अकबर जहान बेगम ने चुनाव लड़ने के बाद अगला चुनाव अनंतनाग से लड़ा था।
मगर उमर अब्दुल्ला ने इस मिथ्य को तोड़ डाला। वर्ष 2004 में न सिर्फ वे श्रीनगर संसदीय क्षेत्र से तीसरी बार चुनाव जीते हैं, बल्कि वे पहले युवा नेकांई भी बने थे, जिन्होंने इतनी कम उम्र में ही संसदीय चुनाव में हैट्रिक बनाई थी। हालांकि, इससे पहले नेकां के ही सैफुद्दीन सोज बारामुल्ला से हैट्रिक तो बना चुके हैं, लेकिन नियमित चुनावों में नहीं बल्कि 1984 और 1989 में विजय पाने वाले सोज को 1996 के चुनाव में लड़ने का मौका ही नहीं मिला था। इतना जरूर है कि उमर अब्दुल्ला, अब्दुल्ला परिवार के प्रथम ऐसे सदस्य बने थे, जिन्होंने हैटट्रिक बनाई थे। इससे बाद डॉ. फारूक अब्दुल्ला श्रीनगर से एक बार 1980 के चुनाव में जीते थे तो उनकी अम्मी अकबर जहान बेगम दो बार चुनाव जीत चुकी हैं। जबकि डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने 2009 और 2019 में भी चुनाव जीता था।
रिकॉर्ड पर एक नजर दौड़ाई जाए तो उमर अब्दुल्ला अगर जम्मू-कश्मीर के सबसे कम उम्र के सांसद थे, जिन्होंने हैट्रिक बनाई थी तो वे अब्दुल्ला परिवार के पहले सदस्य भी थे। लेकिन इतना जरूर है कि उनके पहले पांच अन्य राजनीतिज्ञ भी हैट्रिक का रिकॉर्ड बना चुके हैं जम्मू कश्मीर में। इन पांच नेताओं में डॉ. कर्ण सिंह, चमन लाल गुप्ता, मुहम्मद शफी कुरैशी, सैफुद्दीन सोज तथा पी नामग्याल भी शामिल हैं।
बकौल आधिकारिक रिकॉर्ड के उधमपुर संसदीय क्षेत्र ने जहां दो राजनीतिज्ञों को हैट्रिक बनाने का अवसर प्रदान किया, वहीं जम्मू संसदीय क्षेत्र ने ऐसा मौका आज तक किसी को नहीं दिया है, जबकि बारामुल्ला, श्रीनगर, लद्दाख तथा अनंतनाग से एक-एक राजनीतिज्ञ ऐसा रिकॉर्ड बना चुका है। उधमपुर संसदीय क्षेत्र ने डॉ. कर्ण सिंह और चमन लाल गुप्ता को यह अवसर प्रदान किया। लद्दाख से पी नामग्याल, अनंतनाग से मुहम्मद शफी कुरैशी, बारामुल्ला से सैफुद्दीन सोज तथा श्रीनगर से उमर अब्दुल्ला हैट्रिक बनाने में कामयाब रहे हैं। इतना जरूर है कि इनमें से डॉ. कर्ण सिंह, चमन लाल गुप्ता, मुहम्मद शफी कुरैशी तथा उमर अब्दुल्ला ने ही लगातार हुए तीन चुनावों में जीत हासिल करते हुए हैट्रिक्स बनाई हैं तो सैफुद्दीन सोज तथा पी नामग्याल लगातार ऐसी जीत हासिल नहीं कर पाए। उन्हें दो-दो चुनावों के बाद एक-एक चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था।
जम्मू-कश्मीर में जिन 6 राजनीतिज्ञों द्वारा अभी तक हैट्रिक बनाई गई है, उनके प्रति एक तथ्य यह है कि उनमें भाजपा के एक, नेकां के तीन, तथा कांग्रेस दो राजनीज्ञि थे। जबकि इनमें से दो–मुहम्मद शफी कुरैशी तथा पी नामग्याल ऐसे दो राजनीतिज्ञ अवश्य रहे हैं, जिन्होंने पार्टी बदल कर हैट्रिक बनाई है।

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