सामना संवाददाता / कल्याण
कल्याण और डोंबिवली में अवैध रिक्शा स्टैंडों का भरमार है। इन अवैध रिक्शा स्टैंडों की वजह से शहर में ट्रैफिक जाम की समस्या उत्पन्न हो गई है। दोनों शहरों में पांच सौ से अधिक अवैध रिक्शा स्टैंड बताए जा रहे हैं। इन अवैध स्टैंडों पर कार्रवाई करने के लिए आरटीओ और ट्रैफिक अधिकारी कतरा रहे हैं। आरटीओ और ट्रैफिक पुलिस द्वारा महज चार से छह स्टैंडों को लीगल परमीशन दिया गया है, लेकिन कल्याण स्टेशन परिसर और डोंबिवली स्टेशन परिसर के अलावा कल्याण के शिवाजी चौक, सहजानंद चौक, लालचौकी, आधारवाड़ी, अग्रवाल कॉलेज, पूर्णिमा टॉकीज, सुभाष चौक, स्टेट बैंक, तिलक चौक, पारनाका, पुष्पराज होटल, महालक्ष्मी होटल, साधना होटल, ओकबाग, दुर्गाडी चौक, शहाड़, मोहने, चक्कीनाका, कोलसेवाड़ी आदि परिसर में सड़क के किनारे अवैध रिक्शा स्टैंडों की भरमार है।
बतादें कि विठ्ठलवाड़ी-पूर्व में रेलवे स्टेशन के बाहर एक नहीं बल्कि चार-चार रिक्शा स्टैंड बनाए गए हैं। वह भी उल्टा साइड से ही यू टर्न ले लेते हैं, जिससे सामने से आ रहे वाहनों में कई बार टक्कर भी हुई है, जिसके कारण लोगों में अक्सर तू-तू मैं-मैं भी देखने को मिलता है। ये सारे अवैध स्टैंड प्रशासनिक व्यवस्था को धता बताते हुए ट्रैफिक व्यवस्था को बाधित कर रहे हैं, जिससे निजी वाहन चालक और राहगीरों को रोज सुबह-शाम ट्रैफिक जाम की समस्या से जूझना पड़ रहा है। आखिर इन अवैध स्टैंडों का जिम्मेदार कौन है। अवैध रिक्शा स्टैंड की वजह से एमएमआरडीए के चल रहे कार्य और भी जटिल हो गए हैं। साथ ही ट्रैफिक पुलिस और आरटीओ की अवहेलना के कारण लगने वाले जाम से आम यात्रियों को असुविधा हो रही है।
कल्याण-डोंबिवली में कितने परमिट दिए गए हैं, इसकी जानकारी ली जा रही है। कारण एमएमआरडीए और आरटीओ दोनों ने परमिट जारी किया है। हाल ही में इस संबंध एक बैठक हुई थी, लेकिन अभी तक उसका रिपोर्ट नहीं आया है।
-आशुतोष बारकुल,
उप प्रादेशिक परिवहन अधिकारी, कल्याण.
सरकार ने परमिट ज्यादा दे दिया है। साथ ही १९९७ के बाद स्टैंड के लिए कोई सर्वे नहीं हुआ है। इसलिए १९९७ के बाद कोई लीगल स्टैंड नहीं बना है। पहले की अपेक्षा आज १५ गुना रिक्शा हो गए हैं। अनलीगल रिक्शा और स्टैंड पर कार्रवाई होनी चाहिए। कारण आपराधिक किस्म के रिक्शा चालक बहुत ज्यादा हैं।
रमेश जाधव, अध्यक्ष, महाराष्ट्र रिक्शा-टैक्सी चालक सेना, कल्याण