सामना संवाददाता / ठाणे
एकनाथ शिंदे को दोबारा मुख्यमंत्री पद मिलेगा या नहीं, इस चर्चा के बीच ठाणे जिले से जीतनेवाले कई नेता मंत्री पद को लेकर अभी से लाबिंग कर रहे हैं। दरअसल, जिले में एरोली विधानसभा से जीत हासिल करनेवाले गणेश नाईक, मुरबाड के पांच बार के विधायक किसन कथोरे और एकनाथ शिंदे के करीबी माने-जानेवाले बालाजी किणीकर सहित वर्तमान मंत्री रवींद्र चव्हाण के बीच रस्साकशी शुरू है। सूत्रों की मानें तो बीजेपी का पढ़ा-लिखा चेहरा संजय केलकर और प्रताप सरनाईक का नाम भी चर्चा में है। ऐसी भी चर्चा है कि एकनाथ शिंदे के मुख्यमंत्री बनने के बाद कई समीकरण बदल जाएंगे इसलिए यह देखना अहम होगा कि ठाणे जिले से किसे मंत्री पद मिलता है।
बता दें कि ठाणे जिले में बीजेपी ने एरोली, बेलापुर, ठाणे, डोंबिवली, भिवंडी-पश्चिम, कल्याण-पूर्व, उल्हासनगर, मुरबाड, मीरा-भायंदर सीटों पर जीत हासिल की, जबकि शिंदे गुट ने कोपरी पाचपाखाड़ी, ओवला माजीवाड़ा, कल्याण ग्रामीण, कल्याण-पश्चिम, अंबरनाथ और भिवंडी ग्रामीण सीटों पर जीत हासिल की। शाहपुर निर्वाचन क्षेत्र राकांपा (अजीत पवार) ने जीता। जिले में महायुति की बड़ी जीत के बाद अब मंत्री पद के लिए वरिष्ठ विधायकों के बीच रस्साकशी शुरू हो गई है। अभी तक यह तय नहीं हुआ है कि मौजूदा मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री पद पर वापसी करेंगे या नहीं। रवींद्र चव्हाण को एक और मौका मिलने की चर्चा है। पूर्व पालकमंत्री गणेश नाईक इस वर्ष मंत्री पद के दावेदार माने जा रहे हैं।
किसन कथोरे ने भी ठोका दावा
पांचवीं बार विधायक चुने गए मुरबाड के किसन कथोरे ने दावा किया है कि कार्यकर्ताओं की मांग है कि नतीजों के दिन उन्हें मंत्री पद मिलना चाहिए। चौथी बार विधायक बने डॉ. बालाजी किणीकर एकनाथ शिंदे के करीबी माने जाते हैं। बालाजी किणीकर भी मंत्री पद की दौड़ में सबसे आगे हैं। ओवला माजीवाड़ा सीट से प्रताप सरनाईक और बीजेपी का विद्वान चेहरा माने-जानेवाले संजय केलकर का नाम भी चर्चा में है। ठाणे जिले में मंत्री पद का समीकरण इस बात पर निर्भर करता है कि क्या एकनाथ शिंदे को दोबारा मुख्यमंत्री पद मिलता है या फिर वे कोई और विभाग संभालेंगे। एक जिले में कितने मंत्री पद मिलेंगे, यह भी बड़ा सवाल है।