– रूस के ३ टॉवर में घुसे यूक्रेन के ड्रोन
सामना संवाददाता / मुंबई
रूस के कजान शहर में तीन बड़े टॉवरों में ड्रोन से हमला किया गया। ये हमला ९/११ जैसा ही किया गया है। एक ड्रोन ऊंची इमारत से टकराया और उसके बाद जोरदार विस्फोट हुआ। इसके बाद दो और ड्रोन दो अन्य इमारतों से टकराए। रूस में ऊंचे टॉवरों पर ड्रोन हमले के बाद मुंबई के टॉवरों में रहनेवाले रहिवासी भी सहम गए हैं।
बता दें कि ऐसे हमलों के बाद मुंबई की गगनचुंबी इमारतों की सुरक्षा को लेकर कई सवाल खड़े होते हैं। यहां सैकड़ों गगनचुंबी इमारतें खड़ी हैं, ऐसे में उन पर कोई आतंकी या ड्रोन हमला न हो, इसके लिए सुरक्षा के कोई पुख्ता इंतजाम नजर नहीं आते। ऐसे में टॉवरों में रहनेवाले लोगों में डर पैदा होना स्वाभाविक है। मुंबई में १४० टॉवर ऐसे हैं, जिनकी ऊंचाई ४० मंजिलों से भी ज्यादा है। यहां सबसे ऊंची इमारत पैलेस रॉयल है, जिसकी ऊंचाई ३२० मीटर है। महालक्ष्मी स्थित मिनर्वा इमारत की ऊंचाई ३०० मीटर यानी कि ७९ मंजिला है। इस तरह सैकड़ों गगनचुंबी इमारतें मुंबई में खड़ी हैं।
भवन निर्माता का कहना है
गोरेगांव स्थित भवन निर्माता शम्स परवेज से ऊंची इमारतों की सुरक्षा के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि वे ऊंची इमारतों की क्वालिटी की गारंटी दे सकते हैं, लेकिन ऊंची इमारतों पर ड्रोन हमला या आतंकी हमले से सुरक्षा की गारंटी तो सुरक्षा एजेंसियां ही दे सकती हैं।
चिंतित हैं ऊंची इमारतों में रहनेवाले
महालक्ष्मी स्थित मिनर्वा टॉवर में रहनेवाले सुनील अग्रवाल से इस संदर्भ में बात की गई तो उन्होंने कहा कि रूस में ऊंची इमारतों पर ड्रोन से हुए हमलों के बाद सुरक्षा को लेकर उनकी भी चिंताएं बढ़ गई हैं। सुनील के मुताबिक, उन्हें नहीं पता है कि मुंबई की ऊंची इमारतों की सुरक्षा को लेकर क्या इंतजाम हैं। इसी तरह ट्रम्प टॉवर में रहनेवाले सतीश शर्मा ने कहा है कि रूस में ऊंची इमारतों पर ड्रोन से हुए हमलों की घटना ्ने यह सोचने को मजूबर कर दिया है कि वे जिस गगनचुंबी टॉवर में रह रहे हैं, वह कितना सुरक्षित है। ऊंची इमारतें बनाने में मुंबई इन दिनों दुनियाभर में १७वें स्थान पर है और एशिया की बात करें तो १४वें स्थान पर है।