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सीएम शिंदे के ठाणे में मनपा में मची है पैसों की लूट, करोड़ों का हुआ है भ्रष्टाचार, महायुति के ही विधायक ने खोली पोल

सामना संवाददाता / मुंबई
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री शिंदे के ठाणे शहर में करोड़ों रुपए के भ्रष्टाचार की पोल खुद महायुति में शामिल भाजपा के विधायक संजय केलकर ने खोली है। बजट पर बोलते हुए ठाणे शहर से भाजपा विधायक संजय केलकर ने कहा कि जलापूर्ति और मल प्रक्रिया केंद्र के जरिए ठाणे मनपा में जनता के पैसों की लूट मची हुई है। उन्होंने सदन में सबूतों के साथ यह आरोप लगाते हुए अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की।
ठाणे मनपा के जल आपूर्ति विभाग में ५१३ ठेका कर्मचारी पानी की टंकी के परिचालन के लिए काम कर रहे हैं। इसके साथ ही १२६ पिसे टेमघर परियोजना में और कई ठेका कर्मचारी पंपिंग मशीनरी, डेटा संचालन, पानी की पाइपलाइन रखरखाव आदि के लिए काम कर रहे हैं। सदन में संजय केलकर ने कहा कि इन कर्मचारियों को कम से कम ३१ हजार रुपए मासिक वेतन दिया जाना चाहिए, लेकिन इन सभी को केवल १२ से १५ हजार रुपए का वेतन दिया जा रहा है। इसके साथ ही संबंधित ठेकेदारों द्वारा बीते दस सालों से इनके पीएफ भी नहीं भरे गए हैं। यह लूट पिछले पांच वर्षों से चल रही है। भाजपा विधायक संजय केलकर ने आरोप लगाया कि यह भ्रष्टाचार संबंधित अधिकारियों और ठेकेदारों की मिलीभगत से हो रहा है। उन्होंने मांग की कि नगर विकास विभाग को उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।
ठाणे में शुरू है अनधिकृत निर्माण
केलकर ने अनधिकृत निर्माण का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने आरोप लगाया कि ठाणे में आज भी अनधिकृत निर्माण जारी है और अधिकारी प्रति वर्ग फीट के हिसाब से पैसे ले रहे हैं। अनधिकृत इमारतों के निर्माण में खराब गुणवत्ता के सामान इस्तेमाल से इनके गिरने से लोगों की मौत हो रही है। केलकर ने सदन का ध्यान इस ओर आकर्षित किया कि मुख्यमंत्री के कहने के बावजूद अधिकारियों और निर्माणकर्ताओं के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई।
मनपा में ५० फीसदी रिक्तियां
ठाणे शहर में बढ़ती जनसंख्या के साथ-साथ कर्मचारियों पर काम का बोझ भी बढ़ता जा रहा है, वहीं दूसरी तरफ हर महीने बड़ी संख्या में कर्मचारी रिटायर हो रहे हैं। ऐसे में मनपा के सभी विभागों में ५० फीसदी पद खाली होने से कार्यालयीन कामकाज में देरी होने लगी है।

बिना आदेश करोड़ों का भुगतान
केलकर द्वारा यह भी संज्ञान में लाया गया कि वर्ष २०१९ में ठाणे मनपा की स्थायी समिति ने कोपरी विभाग में पीपीपी के आधार पर सीवेज प्रक्रिया केंद्र स्थापित करने के लिए वी.ए. टेक कंपनी को मंजूरी दे दी थी, लेकिन असली बिल कोपरी बायो टेक के नाम पर दिया गया। उन्होंने कहा कि रखरखाव का कोई काम किए बिना ही गलत भुगतान किया गया। दिलचस्प बात यह है कि दो करोड़ रुपए के बिल का भुगतान तत्कालीन आयुक्त के आदेश के बिना ही कर दिया गया। विधायक संजय केलकर ने मांग की कि ठाणेकरों के टैक्स के पैसे को लूटा जा रहा है। ऐसे में संबंधित अधिकारियों को निलंबित किया जाना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने जन आंदोलन खड़ा करने की भी चेतावनी दी।

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