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मनपा-एमपीसीबी में नहीं है तालमेल मुंबई में प्लास्टिक बंदी पर घमासान … फेरीवालों और उपभोक्ताओं पर होगी कार्रवाई

सामना संवाददाता / मुंबई
पर्यावरण की रक्षा के लिए मुंबई में प्रतिबंधित प्लास्टिक के उपयोग पर सख्त कार्रवाई करने की आवश्यकता है। ऐसे में यह बात सामने आई है कि मनपा और महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण मंडल के बीच तालमेल की कमी के कारण मुंबई में प्लास्टिक पर प्रतिबंध पर घमासान मचा हुआ है। एक तरफ `एमपीसीबी’ के चेयरमैन ने फेरीवालों के साथ-साथ उपभोक्ताओं पर भी ५ से २५ हजार तक का जुर्माना लगाने की घोषणा की है, वहीं दूसरी तरफ मनपा प्रशासन का कहना है कि चूंकि जुर्माने की रकम ज्यादा है इसलिए इसमें संशोधन किया जाएगा। इससे असमंजस की स्थिति बन गई है।
मुंबई में बढ़ते प्रदूषण की पृष्ठभूमि में कल मनपा प्रशासन और महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष सिद्धेश कदम के साथ अधिकारियों की बैठक हुई। इस बैठक के बाद आयोजित प्रेस काॅन्फ्रेंस में सिद्धेश कदम और मनपा आयुक्त भूषण गगरानी ने प्रदूषण नियंत्रण के लिए मनपा द्वारा उठाए गए कदमों की जानकारी दी। कदम ने कहा कि सरकार द्वारा २०१८ में घोषित प्लास्टिक प्रतिबंध नीति के अनुसार कार्रवाई की जा रही है। इसमें फेरीवालों और उपभोक्ताओं दोनों पर भी जुर्माना लगाया जाएगा। इसके मुताबिक पहले अपराध पर ५०००, दूसरे अपराध पर १०,००० और तीसरे अपराध पर २५,००० का जुर्माना लगाया जाएगा। उन्होंने यह भी घोषणा की कि यह कार्रवाई महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, पुलिस और मुंबई मनपा के समन्वय से की जाएगी।
मुंबई मनपा के पास प्लास्टिक बैन के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए जरूरी मैनपॉवर नहीं है, इसलिए कार्रवाई ठंडी पड़ी है। इसमें कोरोना काल और चुनाव अवधि के दौरान कार्रवाई रोक दी गई थी। फिलहाल छिटपुट कार्रवाई हो रही है। पहली बार लगने वाले पांच हजार का जुर्माना भरने के लिए हॉकरों या ग्राहकों के पास पैसे नहीं हैं इसलिए कानूनी कार्रवाई करने में कर्मचारियों का समय बर्बाद होता है। इस कार्रवाई के लिए दंड को कम करने के लिए नीतिगत सुधारों की आवश्यकता है।

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