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सड़कों पर नहीं मिल रहा खाना, कुत्ते खो रहे आपा! …केवल ठाणे में प्रतिदिन १० लोगों को काट लेते हैं कुत्ते

मनपा प्रशासन के पास भूखे कुत्ते, बिल्लियों के लिए योजना नहीं

सामना संवाददाता / ठाणे
मुख्यमंत्री के शहर ठाणे में कुत्तों को सड़कों पर खाना नहीं मिल रहा है, जिससे वे अपना आपा खोते नजर आ रहे हैं। ये कुत्ते रोजाना लगभग १० ठाणेकरों को काटते हैं। ये आंकड़े ठाणेकरों का दर्द बयां करने के लिए काफी हैं, किंतु मनपा प्रशासन मानो नींद में है। ऐसे में आम ठाणेकर मनपा लापरवाह है, नागरिक ऐसा कह रहे हैं। साथ ही कहा जा रहा है कि मनपा प्रशासन के पास इन भूखे कुत्ते, बिल्लियों के लिए कोई योजना ही नहीं है।
बता दें कि ठाणे मनपा की लापरवाही का अंजाम आम ठाणेकरों को भुगतना पड़ रहा है। दरअसल, पिछले तीन वर्षों से ठाणे मनपा स्वास्थ्य विभाग ने आवारा कुत्तों की नसबंदी करना बंद कर दिया है। सर्जरी बंद होने के कारण कुत्तों की संख्या तेजी से बढ़ गई है। एक वर्ष के भीतर आवारा कुत्तों ने ८ हजार ७८१ ठाणेकरों को काटा है। कुछ लोगों का कहना है कि ये आंकड़े कम हैं और हर दिन १०० ठाणेकरों को कुत्ते काटते हैं और एक साल में ३६ हजार लोगों को रैबीज का इंजेक्शन लगाने की जरूरत पड़ती है। इसी वजह से आवारा कुत्तों का डर सुबह की सैर करनेवालों और देर रात लौटनेवालों में अधिक है। चौंकानेवाली जानकारी यह भी है कि पिछले तीन महीने में ३ हजार ९८३ ठाणेकरों को कुत्तों ने काटा है। मनोरमा नगर इलाके के निवासी एक आवारा कुत्ते से हैरान हैं। आवारा कुत्तों से निपटने की योजनाएं आज भी कागजों पर ही हैं। मनपा का कहना है कि अपर्याप्त जनशक्ति और अपर्याप्त संशाधनों के कारण आवारा कुत्तों को पकड़ना मुश्किल हो रहा है।
१६ हजार कुत्तों का टीकाकरण
ठाणे मनपा ने आवारा कुत्तों से होनेवाले नुकसान को रोकने के लिए रेबीज का टीका उपलब्ध कराने का एक कार्यक्रम शुरू किया है। इसके लिए निजी संस्थाओं की मदद ली गई है। अब तक १६ हजार ३१४ कुत्तों को रेबीज का टीका लगाया जा चुका है।
क्या कहते हैं पशु विशेषज्ञ?
पशु विशेषज्ञ शशांक तोमर ने बताया कि वर्तमान स्थिति बिल्कुल बदल गई है। पहले कुत्तों को खाने के लिए कचरा कुंडी ही भोजन ढूंढ़ने की जगह होती थी, लेकिन अब कचरा कुंडियां बदल जाने की वजह से कुत्तों को खाना मिलना बंद हो गया है। आमतौर पर कुत्तों को दर्द, तनाव और बेवजह से परेशान करने से कुत्ते भी अपना आपा खो देते हैं और आम नागरिकों पर हमला कर देते हैं।

विगत समय में घटी घटनाएं
कुछ महीने पहले एक आवारा कुत्ते ने महज तीन घंटे में ३४ ठाणेकरों को काट लिया था, इससे अकेले चलनेवालों के मन में डर पैदा हो गया था।
आवासीय परिसरों, सड़कों पर आवारा कुत्तों की संख्या में वृद्धि के कारण रात ९ बजे के बाद मोटरचालकों को अपनी जान जोखिम में डालनी पड़ती है।

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