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गरीबों के लिए नहीं है फंड, बिना टेंडर के किए जा रहे मंत्रियों के बंगलों पर करोड़ों रुपए खर्च! …शिंदे सरकार में भी ऐसा ही हुआ था

-उस घोटाले की जांच अभी भी लंबित
-बिना निविदा किए थे रु. ३० करोड़ खर्च
-इन मंत्रियों के घर-दफ्तर चमकाए जा रहे
शिवेंद्रराजे भोसले, हसन मुश्रीफ, बाबासाहेब पाटील, प्रताप सरनाईक, जयकुमार रावल, मकरंद पाटील, माणिकराव कोकाटे, योगेश कदम, पंकज भोयर
सुनील ओसवाल / मुंबई
गरीब और किसानों के लिए ‘ईडी’ २.० का खजाना खाली है। सरकार के पास पैसे नहीं हैं। मगर सरकार के पास अपने मंत्रियों के बंगले और दफ्तर को चमकाने के लिए पैसे की कोई कमी नहीं है। मंत्रालय सूत्रों से मिली खबर के अनुसार, एक बार फिर बिना टेंडर के नए मंत्रियों के बंगलों और दफ्तरों पर करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हैं। पिछली शिंदे सरकार के राज में भी ऐसा ही खेल हुआ था। उस घोटाले की जांच अभी भी लंबित है। तब बिना निविदा के सरकार ने ३० करोड़ रुपए खर्च करके मंत्रियों के बंगले व दफ्तर चमकाए थे। मंत्रियों के बंगले व दफ्तर को चमकाने का काम पीडब्ल्यूडी का मुंबई डिविजन विभाग करता है। इस बारे में पीडब्ल्यूडी (मुंबई डिविजन) के कार्यकारी अभियंता विद्याधर पाटसकर से संपर्क करने की कोशिश की गई, पर उन्होंने फोन नहीं उठाया।

फर्नीचर फैक्ट्री की तरह
दिखने लगा है मंत्रालय!

‘ईडी’ २.० के मंत्रियों के बंगलों व दफ्तरों को बिना टेंडर व कार्य आदेश के चमकाया जा रहा है। कृषि विभाग के दफ्तर को मंत्रालय के भीतर एक विस्तारित तीन मंजिला भवन में आकार दिया जा रहा है। मुख्य मंत्रालय भवन की चौथी मंजिल पर एक विशेष हॉल का निर्माण कार्य चल रहा है। दो राज्य मंत्रियों को सातवीं मंजिल पर कमरे दिए गए हैं। इन हॉलों का काम जल्द ही शुरू किया जाएगा। ऐसे में मंत्रालय सचमुच एक फर्नीचर पैâक्ट्री जैसा दिखने लगा है।
बता दें कि राज्य में शिंदे सरकार के दौरान मंत्री के बंगले के रखरखाव और मरम्मत पर बिना टेंडर के ३० करोड़ रुपए खर्च किए गए थे। गौरतलब है कि उस समय पीडब्ल्युडी के मुंबई डिविजन के कार्यकारी अभियंता विद्याधर पाटसकर ने कहा था कि बंगले की मरम्मत पर इतनी राशि खर्च किए जाने से राज्य में आर्थिक संकट पैदा हो गया है। इस ३० करोड़ की जांच का मामला अभी भी लंबित ही है कि फिर से वैसा ही खेल शुरू हो गया है। इस बार भी पाटसकर ने मंत्रियों के दबाव में बिना किसी कार्य आदेश के नवीनीकरण का काम शुरू करवा दिया है। इस बारे में पाटसकर से संपर्क करने की कोशिश की गई पर उन्होंने फोन नहीं उठाया।

मिल गया प्रमोशन
विद्याधर पाटसकर के बारे में बताया जाता है कि उन्हें अधीक्षण अभियंता के पद पर प्रमोट किया गया है। मगर उन्होंने प्रमोशन लेकर अभी तक पद स्वीकार नहीं किया है। इस बारे में उनका पक्ष जानने के लिए उनसे संपर्क किया गया तो उन्होंने फोन नहीं उठाया।

 

कार्य आदेश का भी पता नहीं
धन की कमी के कारण वित्तीय कठिनाइयों का सामना कर रहे पीडब्ल्यूडी (लोक निर्माण विभाग) के मुंबई डिविजन ने टेंडर के साथ ही कार्य आदेशों को भी दरकिनार करते हुए मंत्रालय में मंत्री कक्षों को चमकाने का काम अपने हाथ में ले लिया है।

मंत्रालय कक्ष की तरह सज रहे मंत्रियों के बंगले
साज-सज्जा के इस कार्य पर करोड़ों रुपए खर्च होने के संकेत हैं। मंत्रियों के कक्षों में इस कार्य की मंजूरी को लेकर चर्चा हो रही है। लोक निर्माण विभाग ने इसे पूरा करने का लक्ष्य रखा है और मंत्रियों के बंगलों को भी मंत्रालय के कक्ष की तरह सजाया जा रहा है। मुंबई शहर विभाग ने मंत्रालय में मुख्यमंत्री कार्यालय सहित करीब १२ मंत्री दफ्तरों का काम एक साथ अपने हाथ में ले लिया है।

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