– जीएसटी परिषद की बैठक में होना था निर्णय
सामना संवाददाता / नई दिल्ली
उम्मीद थी मोदी सरकार गरीब व मध्यम वर्ग के मरीजों के लिए जीएसटी में राहत प्रदान करेगी। इसकी चर्चा भी हो रही थी। मगर कल शनिवार को सरकार ने दिखा दिया कि उसे इन लोगों के स्वास्थ्य की कोई परवाह नहीं है। तभी तो वरिष्ठ नागरिकों के स्वास्थ्य बीमा पर जीएसटी घटाने के प्रस्ताव को शनिवार की बैठक में टाल दिया गया।
बता दें कि जीएसटी परिषद की कल हुई बैठक में स्वास्थ्य और जीवन बीमा पर कर कम करने के पैâसले पर कोई निर्णय नहीं किया गया। यहीं नहीं, १४८ वस्तुओं पर टैक्स की दर में फेरबदल की मंत्रिसमूह की बहुचर्चित सिफारिश परिषद के समक्ष नहीं रखी गई। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता वाली और राज्य सरकारों के वित्त मंत्रियों वाली परिषद के कुछ सदस्यों ने महसूस किया कि बीमा कराधान के संबंध में अंतिम निर्णय पर पहुंचने से पहले और अधिक विचार-विमर्श की आवश्यकता है। बता दें कि वरिष्ठ नागरिकों द्वारा स्वास्थ्य बीमा कवर के लिए चुकाए जाने वाले प्रीमियम को भी टैक्स से छूट देने का प्रस्ताव किया गया है। इसके अलावा, वरिष्ठ नागरिकों के अलावा अन्य व्यक्तियों द्वारा पांच लाख रुपए तक के स्वास्थ्य बीमा के लिए भुगतान किए गए प्रीमियम पर जीएसटी से छूट देने का प्रस्ताव है। हालांकि, पांच लाख रुपए से अधिक के स्वास्थ्य बीमा कवर वाली पॉलिसियों के लिए भुगतान किए गए प्रीमियम पर १८ प्रतिशत जीएसटी लागू रहेगा। जीएसटी दर युक्तिकरण पर जीओएम की रिपोर्ट परिषद के समक्ष पेश नहीं की गई और इसे अगली परिषद बैठक में रखा जाएगा। बीमा पर मंत्री समूह की समिति के प्रमुख बिहार के उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि समूह, व्यक्तिगत, वरिष्ठ नागरिक पॉलिसियों के कराधान पर निर्णय लेने के लिए एक और बैठक की आवश्यकता है।