-सेंट जूड चिल्डे्रन रिसर्च हॉस्पिटल के रिसर्चर्स का खुलासा
एच५एन१ बर्ड फ्लू है, जिसका वायरस इन दिनों लोगों के बीच तेजी से पैâल रहा है। गाय के दूध में इस वायरस के होने की पुष्टि की जा चुकी है। अब इस पर हुई एक रिसर्च ने एक चिंताजनक स्थिति पैदा कर दी है। हाल ही में किए गए एक शोध में यह पाया गया कि दूध में पाया जाने वाला एच५एन१ वायरस, जिसे बर्ड फ्लू के नाम से भी जाना जाता है, पर एंटीवायरल दवाएं असर नहीं करती हैं। यह एक महत्वपूर्ण खोज है, जिसने मेडिकल वर्ल्ड में एक नई चुनौती खड़ी कर दी है।
सेंट जूड चिल्ड्रेन रिसर्च हॉस्पिटल के रिसर्चर्स ने चूहों पर किए इस अध्ययन में पाया कि फ्लू के लिए एफडीए द्वारा स्वीकृत दो मुख्य एंटीवायरल दवाओं को इस वायरस के खिलाफ प्रभावी नहीं माना गया है। इस समय संयुक्त राज्य अमेरिका में एच५एन१ एवियन इनफ्लूएंजा का प्रकोप जारी है। इसलिए वैज्ञानिक इंसानों की सेहत के लिए इस वायरस के खतरे को बेहतर ढंग से समझने के लिए काम कर रहे हैं। एच५एन१ वायरस, जो आमतौर पर पक्षियों में पैâलता है और कभी-कभी मनुष्यों को भी संक्रमित करता है।
गायों के दूध पर बेअसर
यह वायरस डेयरी गायों के दूध में पाया गया है और इसने पशुपालकों को भी संक्रमित किया है, जिस कारण ही सेंट जूड चिल्ड्रेन रिसर्च हॉस्पिटल के वैज्ञानिकों ने इसकी जांच का पैâसला लिया। जांच के बाद परिणामों से पता चला कि प्रीक्लिनिकल मॉडल में, जो दो दवाएं हैं, वे गंभीर एच५एन१ संक्रमणों का सफलतापूर्वक इलाज नहीं कर सकती हैं। सेंट ज्यूड डिपार्टमेंट ऑफ होस्ट-माइक्रोब इंटरैक्शन के लेखक रिचर्ड वेबी, पीएचडी ने कहा कि उन्होंने जो सैंपल्स कलेक्ट किए हैं, वह इस बात की पुष्टि करते हैं कि संक्रमण चाहे आंख से हुआ हो या फिर नाक और मुंह के माध्यम से उपचार करना जरूरी है, लेकिन गाय के दूध से पैâले संक्रमण से बचाव के लिए महत्वपूर्ण कदम रोकथाम का है।