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खून की नहीं होगी कमी…ब्लड बैंकों में है पर्याप्त भंडारण

-स्टेट ब्लड ट्रांसफ्यूजन काउंसिल ने शुरू कर दिया था काम

सामना संवाददाता / मुंबई

हर साल गर्मी के महीनों में खून की भारी किल्लत हो जाती थी। ऐसे में खून की कमी का खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ता है। इस साल खून की कमी को दूर करने के लिए स्टेट ब्लड ट्रांसफ्यूजन काउंसिल ने पहले से ही कई तरह के उपाय शुरू कर दिए। इसके तहत आध्यात्मिक और सामाजिक संगठनों से रक्तदान शिविर आयोजित करने की अपील की। साथ ही फरवरी में राज्यभर में ८४७ रक्तदान शिविर आयोजित किए गए। इसमें पर्याप्त ब्लड का भंडारण कर लिया गया है।
उल्लेखनीय है कि गर्मी में हर साल पैदा होनेवाली खून की कमी की समस्या को देखते हुए इस साल स्टेट ब्लड ट्रांसफ्यूजन काउंसिल ने पहले से ही प्रयास शुरू कर दिए। तदनुसार, ब्लड ट्रांसफ्यूजन काउंसिल और श्री जगद्गुरु नरेंद्राचार्य महाराज संस्थान द्वारा १० से २५ फरवरी तक राज्यभर में विभिन्न स्थानों पर रक्तदान शिविर आयोजित किए गए। १५ दिनों में ८४७ रक्तदान शिविर आयोजित कर ७८,२२१ यूनिट खून एकत्रित किया गया है।
गर्मियों में रक्तदान करते समय नहीं पड़ता कोई प्रभाव
गर्मियों में रक्तदान करने से स्वास्थ्य पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ता है। हालांकि, यदि संबंधित व्यक्ति रक्तदान करने से पहले धूप के संपर्क में आया हो या उसके शरीर में पानी की कमी हो गई हो, तो उसे रक्तदान नहीं करना चाहिए। शरीर में पानी की कमी होने की अवस्था में रक्तदान करने से लो बीपी या चक्कर आने की समस्या हो सकती है। इसलिए इंडियन सोसाइटी ऑफ क्रिटिकल केयर मेडिसिन, मुंबई शाखा के सचिव डॉ. भरत जगियासी ने रक्तदान करने से पहले थोड़ा आराम करने और खूब पानी पीने की सलाह दी है।
गर्मियों में इसलिए होती है खून की कमी
गर्मियों में मार्च से मई के बीच नागरिक पर्यटन या गांव की ओर जाते हैं, इसलिए बहुत कम संख्या में नागरिक रक्तदान करते हैं। इतना ही नहीं, रक्तदान शिविरों के आयोजन भी कम हो जाते हैं। नतीजतन, हर साल गर्मियों में बड़ी मात्रा में ब्लड बैंकों को खून की किल्लत का सामना करना पड़ता है।

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