मुख्यपृष्ठसंपादकीयये तो ‘जिहादी' भाई हैं!

ये तो ‘जिहादी’ भाई हैं!

राज्य के हुक्मरान ‘लाडली बहन’ योजना के चलते खुद को ‘लाडले भाई’ आदि कहलवा रहे हैं और विरोधियों को ‘सौतेला भाई’ के तौर पर संबोधित कर रहे हैं। हकीकत तो यह है कि सत्ताधीशों के मन में ही माताओं-बहनों के प्रति बुराई भरी हुई है और उन्हीं के बड़बोले लोग इसे सामने ला रहे हैं। अब भाजपा सांसद धनंजय महाडिक ने वही सुवचन बिखेरे हैं और सीधे तौर पर ‘लाडली बहन’ योजना के तहत १,५०० रुपए लेनेवाली बहनों को धमकी दी है। ‘अगर लाडली बहन योजना से पैसा लेनेवाली बहनें कांग्रेस पार्टी की रैलियों में नजर आती हैं तो उनकी तस्वीरें लें। उनके नाम लिखें और हमें दें, हम उनकी व्यवस्था करेंगे।’ ऐसा कहते हुए कोल्हापुर में एक रैली में महाडिक महाशय ने सत्ताधारी ‘लाडले भाइयों’ के खाने के दांत दिखा दिए। जैसा कि अपेक्षित था, उनके विवादास्पद बयान की भारी आलोचना हुई इसलिए उन्होंने सोशल मीडिया पर एक ‘पोस्ट’ डालकर माफी मांगी, लेकिन माफी मांगते हुए खुद को जस्टिफाई करते हुए उन्होंने यह भी कहा कि ‘वोट जिहाद’ कर रही महिलाओं के कारण उनकी प्रतिक्रिया स्वाभाविक तौर पर थी। यह माफी मांगने का दिखावा करने जैसा है, लेकिन साथ ही अपने होंठों से निकले जहर को नकारने जैसा भी नहीं है। ‘मुख्यमंत्री लाडली बहन’ योजना की घोषणा मूलत: सत्ताधारी दल ने विधानसभा चुनाव के मद्देनजर की। १,५०० रुपए लीजिए और हमें वोट दीजिए, शासक वर्ग लाभार्थी माताओं-बहनों से यही लेन-देन की अपेक्षा रखता है। यह योजना किसी भाईचारे के प्यार या माताओं-बहनों की चिंता से शुरू नहीं की गई है। यह उनके लिए महज एक ‘लेन-देन’ है। ‘हम आपको प्रतिमाह १,५०० रुपए दे रहे हैं न। तो फिर आपको केवल सत्तारूढ़ दलों की रैलियों, बैठकों, अभियानों में भाग लेना है। सत्ताधारी दलों के लिए वोट देना है। आप हमारी योजना का लाभ उठाकर विपक्षी दलों का प्रचार करें, उनके झंडे फहराएं, आप यह कैसे कर सकते हैं?’ लाडली बहन योजना के पीछे सत्ताधारी दल की यही असली मानसिकता है। यही वजह है कि भाजपा सांसद धनंजय महाडिक ने ‘लाभार्थी’ बहनों को धमकी दी है। अगर आपने सचमुच माताओं-बहनों के लिए यह योजना शुरू की है तो आप उन्हें क्यों धमका रहे हैं? दोबारा माफी मांगते हुए आप इस बात पर क्यों जोर दे रहे हैं कि ‘वोट जिहाद कर रही महिलाओं की वजह से यह स्वाभाविक प्रतिक्रिया है’? मौजूदा शासक दिल्ली से लेकर सड़क तक हर जगह ‘जिहाद’ शब्द का इस्तेमाल कर रहे हैं। ‘लव जिहाद’ के भूत तो हमेशा नचाते रहते हैं। अब लोकसभा चुनाव के बाद से ‘वोट जिहाद’ का भूत नचा रहे हैं। भाजपा उस ‘वोट जिहाद’ की हिचकी रोकने के लिए तैयार नहीं है, जो उसे महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश में चुनाव में बुरी तरह से हार के बाद से लग रही है। लाभार्थी लाडली बहनों को देखकर इस तरह से धमकाने वाले भाजपा के सांसद धनंजय महाडिक को भी महिलाओं के वोट जिहाद की हिचकी लग गई। वह भी महिलाओं से माफी मांगते वक्त। महाडिक की इस माफी को क्या कहा जा सकता है? ‘लाडली बहन योजना का लाभ लिया है ना। तो वोट हमें ही दो, विरोधियों के प्रचार में भी मत दिखाई दो, अगर दिखाई दिए तो हम तुम्हारी व्यवस्था करेंगे,’ इसे लाडले भाई की भाषा किस तरह कहा जा सकता है? दहशतगर्दियों की जुबान में जो भाषा होती है वही आजकल के हुक्मरानों की जुबान में दिख रही है। यही कारण है कि शिंदे के कर्जत विधायक महेंद्र थोरवे प्रचार दौरे में बुजुर्ग व्यक्ति को गालियां दे रहे हैं और धमकी दे रहे हैं, जबकि कोल्हापुर में भाजपा सांसद धनंजय महाडिक धमका रहे हैं ‘लाडली बहनों, अगर आप विपक्ष की रैली में दिखीं तो याद रखना।’ लाडली बहन योजना के जरूरतमंद लाभार्थी माताओं-बहनों को ‘वोट जिहाद’ में धकेल रहे हैं। ये लाडले भाई नहीं, बल्कि लाडले भाई के मुखौटे के पीछे छुपे ‘जिहादी’ भाई हैं। उनकी मानसिकता आतंकवादी है।

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