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तीसरा कॉलम : यूपी में विरोधियों को कड़ी चुनौती देते इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी

रोहित माहेश्वरी
उ. प्र. की ८० लोकसभा सीटों के लिए सात चरणों में चुनाव होना है। पहले चरण की वोटिंग १९ अप्रैल को होगी। यूपी में प्रथम चरण में आठ सीटों के मतदाता अपना नुमाइंदा चुनेंगे। यूपी में इंडिया गठबंधन में सपा और कांग्रेस शामिल हैं। सपा ६३ और कांग्रेस १७ सीटों पर चुनाव लड़ रही है।
प्रथम चरण में पश्चिमी उत्तर प्रदेश की सहारनपुर तथा वैâराना, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, नगीना, मुरादाबाद, रामपुर, पीलीभीत शामिल है। २०१९ के चुनाव में इन आठ सीटों में से चार भाजपा, दो बसपा और दो सपा ने जीती थी। २०२२ में हुए उपचुनाव में भाजपा ने रामपुर सीट सपा से छीनकर अपनी संख्या चार से पांच कर ली थी। वर्तमान में प्रथम चरण की आठ सीटों में से पांच भाजपा, दो बसपा और एक सपा के खाते में है।
इस बार इंडिया गठबंधन ने एनडीए को घेरने के लिए जो प्लान बनाया है, उससे भाजपा की चिंता बढ़ी हुई है। खासकर, पश्चिमी उत्तर प्रदेश की कई सीटों पर इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी भाजपा को कड़ी चुनौती पेश कर रहे हैं। पहले चरण की आठ सीटों में से पांच सीटें वर्तमान में भाजपा के खाते में हैं, ऐसे में सबसे बड़ी चुनौती उसके सामने है। भाजपा को जहां अपनी जीती सीटें कायम रखनी हैं, वहीं उसे हारी सीटों पर भी विजय हासिल करनी है।
बात अगर प्रथम चरण में यूपी की प्रथम सीट यानी सहारनपुर के बारे में की जाए तो ये सीट इंडिया गठबंधन में कांग्रेस के खाते में आई है। इस सीट पर २०१९ में सहारनपुर सीट बसपा के हाजी फजर्लुररहमान ने करीब २२ हजार मतों के अंतर से भाजपा के राघव लखनपाल को हराया था। बसपा को ५,१४,१३९ वोट और भाजपा के खातें में ४,९१,७२२ मत आए। कांग्रेस के इमरान मसूद २,०७,०६८ वोट पाकर दौड़ में तीसरे रहे। इस बार बसपा ने माजिद अली को प्रत्याशी बनाया है।
भाजपा ने दोबारा राघव लखनपाल पर दांव लगाया है तो वहीं कांग्रेस ने पूर्व विधायक इमरान मसूद को मैदान में उतारा है। इस सीट पर इमरान मसूद और उनके परिवार का खासा प्रभाव है। इमरान के चाचा रशीद मसूद इस सीट से कई बार सांसद रहे चुके हैं। चूंकि इस सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला है और भाजपा बसपा के दलित वोटों में सेंध के सहारे अपनी जीत के सपने बुन रही है, वहीं इंडिया गठबंधन के साथ पीडीए का वोट बैंक है। इमरान मसूद का अच्छा जनसंपर्क और व्यवहार से यहां इंडिया गठबंधन कड़ी टक्कर दे रहा है।
सहारनपुर के अलावा वैâराना लोकसभा सीट से इंडिया गठबंधन की प्रत्याशी इकरा हसन भी अपने विरोधियों पर भारी दिखाई दे रही हैं। राजनीतिक रसूख वाले परिवार से ताल्लुक रखनेवाली युवा इकरा को सुनने के लिए भारी भीड़ आ रही है। इकरा ने वैâराना की लड़ाई को कांटेदार बना दिया है। भाजपा और बसपा जिस तरह से इस सीट पर अपने जीत के दावे कर रहे ​थे। इकरा ने चुनाव का रुख बदलने का काम किया है।
मुजफ्फरनगर सीट पर पिछले चुनाव में संजीव कुमार बालियान विजयी हुए। भाजपा ने इस बार फिर संजीव कुमार बालियान पर भरोसा जताया है। बसपा ने दारा सिंह प्रजापति और सपा ने हरेंद्र मलिक को मैदान में उतारा है। वर्तमान में मुजफ्फरनगर की सियासी जंग में एक भयंकर रस्साकशी देखी जा रही है। इस राजनीतिक लड़ाई को जिसे दो सीनियर जाट नेताओं-बीजेपी के दो बार के सांसद संजीव बालियान और समाजवादी पार्टी के पूर्व राज्यसभा सांसद हरेंद्र मलिक के बीच सम्मान की लड़ाई के रूप में देखा जा रहा है। इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी ने भाजपा की जीत के रथ को रोकने की पूरी तैयारी कर ली है। इन सीटों के अलावा बिजनौर, नगीना, मुरादाबाद, रामपुर और पीलीभीत सीटों पर इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी धुआंधार प्रचार और जनसंपर्क से​ विरोधियों का ब्लड प्रेशर बढ़ाए हुए हैं।
यूपी में दूसरे चरण का मतदान २६ अप्रैल को होगा। इस चरण में अमरोहा, मेरठ, बागपत, गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर, बुलंदशहर, अलीगढ़ और मथुरा की संसदीय सीट शामिल है। इन आठ सीटों पर भी इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी एनडीए और बसपा के उम्मीदवारों के सामने कड़ी चुनौती पेश कर रहे हैं। राजनीति के जानकारों के मुताबिक, इस बार इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी चौंकानेवाले नतीजे लाएंगे। उनका ये भी कहना है कि अगर इंडिया गठबंधन में बहुजन समाज पार्टी शामिल होती तो भाजपा के मंसूबों पर काफी हद तक पानी फिर जाता। फिलवक्त इंडिया गठबंधन पूरी रणनीति और समझदारी से चुनाव लड़ रहा है। अब यह देखना अहम होगा कि ४ जून का जब वोटों की गिनती होगी तो किसका पक्ष भारी साबित होगा।

 

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