राधेश्याम सिंह / नालासोपारा
वसई-विरार महानगरपालिका अंतर्गत जहां पानी की आपूर्ति नियमित नहीं है, वहां कई टैंकरों से नागरिकों की प्यास बुझती है। वैसे अब एक चौंकाने वाला तथ्य प्रकाश में आया है। वसई में प्यास बुझाने वाले कुछ टैंकरों के पास आरटीओ फिटनेस सर्टिफिकेट ही नहीं है। टैंकर सड़कों पर बिना किसी रोक-टोक के दौड़ रहे हैं। वहीं स्थानीय लोगों का आरोप है कि मनपा प्रशासन और आरटीओ इस गंभीर मुद्दे पर आंखें मूंदे हुए है। शहर में कबाड़ और बिना नंबर के खतरनाक टैंकरों में पानी भरकर सप्लाई किया जा रहा है।
बता दें कि सुचारु रूप से चल रहे टैंकरों के फिटनेस का मामला सामने आया है। वहीं वसई विरार शहर में एक दिन छोड़कर दूसरे दिन कम दबाव से पानी आ रहा है। कई कॉलोनियों में मनपा की पाइपलाइन नहीं है इसलिए उन्हें अपनी प्यास बुझाने के लिए पानी के टैंकरों पर निर्भर रहना पड़ता है। पानी की बढ़ती मांग के कारण शहर में टैंकर व्यवसाय फल-फूल रहा है। अप्रचलित स्व्रैâप वाले टैंकर शहर की सड़कों पर दौड़ रहे हैं। टैंकर चालक मोड़ लेते समय ये चालक तेज गति से अचानक टैंकर मोड़ लेते हैं, जिससे अन्य वाहनों और पैदल चलने वालों राहगीरों का एक्सीडेंट हो जाता है। टैंकर में नंबर, रिफ्लेक्टर, ब्रेक लैंप, स्टॉप गार्ड लगा होना चाहिए, लेकिन टैंकर में कुछ भी नहीं लगा रहता है।
धड़ल्ले से चल रहे हैं अनधिकृत टैंकर
बता दें कि वसई-विरार में अनगिनत अनधिकृत पानी के टैंकर धड़ल्ले से चल रहे हैं। पिछले पांच सालों में इन टैंकरों से कुचलकर सड़क दुर्घटनाओं में दर्जनों लोगों की मौत हो चुकी है और कई लोग अपाहिज हो गए हैं। टैंकर चालक अधिक कमाई के चक्कर में टैंकर तेज गति से चलाते है, क्योंकि जितना ज्यादा तेजी से टैंकर चलाएंगे, उतना ही ज्यादा पानी का सप्लाई करेंगे। वहीं तेज गति से चलने वाले टैंकर से अधिकतर एक्सीडेंट (सड़क दुर्घटना) होते हैं। वसई-विरार में कई ऐसे टैंकर चल रहे है, जिन टैंकरों का कोई पेपर नहीं है।
`वसई-विरार में २८९ टैंकरों पानी के टैंकरों का निरीक्षण किया गया है, जिसमें ६५ टैंकर वाले के पास सही पेपर नहीं मिला। उन टैंकर वालों पर ७ लाख २३ हजार ५०० रुपए का जुर्माना लगाया गया है।’
-अतुल आदे, सहायक प्रादेशिक परिवहन अधिकारी, वसई-विरार