सामना संवाददाता / मुंबई
महाराष्ट्र चुनाव के नतीजे महाविकास आघाड़ी स्वीकार करने को तैयार नहीं है। यहां तक कि विधानसभा सत्र के पहले दिन विपक्षी गुट के विधायकों ने शपथ लेने से ही इनकार कर दिया और अगले दिन शपथ ली।
इस बीच एनसीपी (शरदचंद्र पवार) नेता और पूर्व मंत्री अनिल देशमुख ने कहा कि ६०-६५ साल से चुनाव हो रहे हैं और कभी ऐसे नतीजे नहीं आए कि विपक्ष पूरा साफ हो गया।
बातचीत में अनिल देशमुख ने कहा, ‘हरियाणा के चुनाव के बाद और खासकर महाराष्ट्र के चुनाव के बाद जो नतीजे आए। उसको देखकर हर कोई हैरान है। पूरा देश चर्चा कर रहा है कि इस तरह के नतीजे कैसे आए? ६०-६५ साल से चुनाव हो रहे हैं और इस तरह के नतीजे नहीं आए कि विरोधी पार्टी पूरी साफ हो गई हो। इसमें काफी लोगों को शंका है कि ईवीएम की छेड़छाड़ हुई है।
बैलट पेपर से हों चुनाव
अनिल देशमुख ने बैलट पेपर से चुनाव कराने की मांग करते हुए कहा कि ऐसी चर्चा देश में हो रही है। इस प्रकार से ईवीएम से चुनाव होते हैं तो वैâसे चुनाव लड़े जाएं। इसकी जांच होनी चाहिए। कांग्रेस और विरोधी पार्टी ने चुनाव आयोग को लिखित में दिया है, चुनाव आयोग को अपनी राय रखनी चाहिए। आगे के चुनाव ईवीएम से ना कराकर पुराने तरीके से बैलट पेपर से चुनाव होना चाहिए, ऐसी सबकी मांग है।
पूर्व मंत्री अनिल देशमुख ने कहा कि शंका नहीं, बल्कि जानकार लोग हैं, जिन्होंने अपना स्टेटमेंट दिया है कि ईवीएम में १०० प्रतिशत छेड़छाड़ हो सकती है। ईवीएम के द्वारा रिजल्ट बदले जा सकते हैं। टेक्निकल लोगों ने भी अपना बयान दिया। सब लोगों को शंका है कि महाराष्ट्र के चुनाव नतीजे बीजेपी की सरकार ने ईवीएम में छेड़छाड़ कर लाए हैं।