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इसे कहते हैं कर्मा … अल्ला-हू-अकबर का लगाया नारा, दूसरे ही पल ओलिंपिक से बाहर

ओलिंपिक खेल २०२४ में भी इजरायल-फिलिस्तीन के मुद्दे को उठाने से मुस्लिम खिलाड़ी बाज नहीं आ रहे। इसी क्रम में एक ताजिकिस्तानी जूडो खिलाड़ी ने इजरायली खिलाड़ी से हाथ मिलाने से मना कर दिया और अल्लाहू अकबर के नारे भी लगाए। इसके अगले ही राउंड में उन्हें बाहर होना पड़ा और वह चोटिल हो गया, वहीं दूसरी तरफ ओलिंपिक आयोजक कमिटी ने ईसाई भावनाओं को आहत करने को लेकर माफी मांगी है। पेरिस ओलिंपिक के दूसरे दिन रविवार २८ जुलाई, २०२४ को ताजिकिस्तान के जूडो खिलाड़ी नुराली एमोमाली का इजरायली खिलाड़ी तोहार बुत्बुल से मुकाबला था। इस मुकाबले में एमोमाली ने बुत्बुल को हरा दिया। मैच खत्म होने के बाद एमोमाली ने पंरपराओं का निर्वहन करने से इनकार कर दिया। एमोमाली ने यहां बुत्बुल से हाथ मिलाने से मना कर दिया, जैसा हर मैच के बाद होता है। ऐसा संभवत: उन्होंने इसलिए किया, क्योंकि वह मुस्लिम हैं और उनका समर्थन फिलिस्तीन को है, जिसके साथ इजरायल का वर्तमान में युद्ध चल रहा है। एमोमाली ने यहां अल्लाहू अकबर का नारा भी लगाया। इस मुकाबले के बाद इजरायली खिलाड़ी बाहर हो गया। इजरायली खिलाड़ी से हाथ न मिलाने और अल्लाहू अकबर कहने के कुछ देर बाद एमोमाली जापानी खिलाड़ी से भिड़े। जापानी खिलाड़ी हिफुमी आबे से भिड़े। आबे ने उन्हें इस मैच में हरा दिया और जोरदार पटखनी दी। अंत में आबे ने एमोमाली को इतनी तेज जमीन पर पटका कि उनका कंधा ही अपनी जगह से हट गया। एमोमाली जमीन पर पड़े रहे और उन्हें अन्य लोग वहां से उठा कर ले गए। उनको मैट पर कराहते हुए देखा गया, जबकि आबे अगले मैच में फिर विजयी हुए और उन्होंने स्वर्ण पदक जीता। एमोमाली की कई वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं।

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