मनोज श्रीवास्तव / लखनऊ
यूपी के सुल्तानपुर में दो सगे भाइयों ने फर्जी खतौनी बनाकर बड़ा फर्जीवाड़ा किया। फर्जी खतौनी के आधार पर खुद को बड़ा काश्तकार दर्शाया, फिर ऑनलाइन पोर्टल पर धान खरीद के लिए पंजीकरण किया। एक ग्रामीण ने मामले की पोल खोल दी। इस पर फर्जीवाड़ा छिपाने के लिए अधिकारियों द्वारा जांच को गोल-मोल कर दिया गया। अब जनहित याचिका का संज्ञान लेकर उच्च न्यायालय ने जिला प्रशासन से रिपोर्ट तलब की है। हाई कोर्ट के एक्शन से अफसरों में अफरा-तफरी मची है। मामला लंभुआ कोतवाली क्षेत्र के शिवगढ़ ग्राम पंचायत का है। यहां के निवासी आशुतोष सिंह और अभिषेक सिंह पुत्रगण अरविंद सिंह उर्फ लल्ला को मिलीभगत से धान खरीद का किसान बनाया गया। बाकायदा ऑनलाइन पोर्टल पर पंजीकरण किया गया। धान बेचने के लिए उप जिलाधिकारी कादीपुर ने इन्हें अधिकृत कर दिया। अब मामले में बड़ा खुलासा हुआ है।
जांच के बाद दे दी गई क्लीन चिट
बताया गया कि आशुतोष को 2.81 हेक्टेयर और अभिषेक को 2.614 हेक्टेयर भूमि का स्वामी, उडरी गांव, तहसील कादीपुर का दर्शाया गया, जबकि इन दोनों की खतौनी फर्जी है। शिवगढ़ ग्राम प्रधान सूरज साहू ने जिला प्रशासन के समक्ष 29 जुलाई 2024 को मुद्दा उठाया। इस पर जिला पूर्ति अधिकारी जीवेश मौर्य और जिला खाद्य विपणन अधिकारी संजय पांडे को जांच सौंपी गई। आलम यह रहा कि जांच के बाद क्लीन चिट दे दी गई।
जांच एवं कार्यवाही की प्रगति रिपोर्ट तलब
इसके बाद प्रमुख सचिव खाद एवं विपणन के समक्ष मामला उठाया गया, लेकिन भ्रष्टाचार का मामला उजागर नहीं किया जा सका। इसके बाद सूरज साहू ने 14 नवंबर 2024 को उच्च न्यायालय, लखनऊ खंडपीठ की शरण ली। हाई कोर्ट ने पूरे मामले में सुल्तानपुर जिले के जिम्मेदार अधिकारियों से अब तक जांच एवं कार्यवाही की प्रगति रिपोर्ट तलब की है।